जैश-ए-मोहम्मद दक्षिण कश्मीर में मजबूत कर रहा है अपनी नींव, कश्मीरी नौजवानों को मानव बम बनाने की साजिश

एनआईए की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आतंकी संगठन (Terrorist organization) जैश–ए–मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर का भतीजा मोहम्मद उमर फारूक घातक हथियारों व RDX के साथ भारत में घुसपैठ करने में सफल रहा।

Terrorist organization

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आतंकी संगठन (Terrorist organization) हिजबुल मुजाहिदीन का कभी गढ़ रहा दक्षिण कश्मीर अब पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश–ए–मोहम्मद की मजबूत जमीन तैयार होती दिखाई देती है। बीते साल पांच अगस्त के बाद से बड़ी संख्या में घाटी के पढ़े–लिखे नौजवानों को आतंकी संगठनों से जुड़े ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) ने गुमराह कर आतंकवाद की अंधी गली में धकेलने की कोशिश की है।

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पुलवामा हमले की जांच करने वाली प्रमुख जांच एजेंसी एनआईए (NIA) के आरोप पत्र से संकेत मिलते हैं कि घाटी में पुलवामा हमले के आत्मघाती हमलावर आदिल मोहम्मद ड़ार कैसे आतंकी संगठन (Terrorist organization) जैश–ए–मोहम्मद के संपर्क में आया और फिर सुसाइड बॉम्बर बन गया। बताया गया कि सरहद पार काफी बड़ी तादाद में अफगानिस्तान में चल रहे अल कायदा‚ तालिबान और जैश–ए–मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप से प्रशिक्षण लेकर ये आतंकी घाटी में भारी तबाही के मंसूबे पाले हुए हैं।

आदिल मोहम्मद डार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकी प्रशिक्षण शिविर में ट्रेनिंग लेने भी गया था। एनआईए (NIA) की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आतंकी संगठन (Terrorist organization) जैश–ए–मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर का भतीजा मोहम्मद उमर फारूक भारत–पाक सीमा के कठुआ–सांभा सेक्टरों से घातक हथियारों व आरडीएक्स खेप के साथ घुसपैठ करने में सफल रहा। वहां रहने वाली युवती इंशा जान के साथ उसके संबंध रहे। इंशा जान एनआईए (NIA) चार्जशीट में पुलवामा हमले के साजिशकारों में एक आरोपी है।

उमर फारूक का पिता इब्राहिम आथर 1999 में एयर इंडि़या के आईसी–814 विमान अपहरण कांड में मुख्य आरोपी है। इस विमान को अपहृत किए जाने के बाद अफगानिस्तान के कंधार में तत्कालीन एनड़ीए सरकार ने तीन दुर्दांत आतंकियों मौलाना मसूद अजहर‚ उमर शेख व मुश्ताक अहमद जरगर को विमान छोड़े जाने के एवज में रिहा किया था।

दक्षिण कश्मीर‚ जो जुलाई 2016 में आतंकी संगठन (Terrorist organization)  हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान बानी की मुठभेड़ में हुई मौत के बाद कई महीनों तक सुलगता रहा। वहां पुलिस का खुफिया तंत्र कमजोर दिखाई दिया है। पुलवामा का आत्मघाती हमलावर डार बुरहान बानी की मौत के बाद सुरक्षाबलों पर हमले करती पत्थरबाजों की भीड़ में भी रहा। ऐसे आतंकी पर खुफिया निगाहें कैसे कमजोर पड़ गई। हालांकि कहा गया है कि डार पुलिस के रडार पर था और वह पुलिस की सूची में सी ग्रेड का आतंकी था।

बुरहान वानी की मौत के बाद दक्षिण कश्मीर में पढ़े–लिखे कम उम्र के नौजवानों का घर से गायब होने का सिलसिला तेजी से चल निकला‚ जिसकी वजह से दक्षिण कश्मीर में मौजूद ओजीडब्ल्यू (OGW) व अलगाववादी तत्व पूरी साजिश को अंजाम देने में लगे थे। लेकिन पिछले साल पुलवामा हमले के बाद 29 मार्च को मौलाना मसूद अजहर का भतीजा और पुलवामा हमले का मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद उमर फारूक एक मुठभेड़ में मारा गया।

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