तब्लीगी जमात प्रमुख ने जारी किया ऑडियो, जानें कौन हैं मौलाना साद…

तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद ने गुरुवार (02-04-2020) को अपने समर्थकों के लिए नया ऑडियो जारी किया। इसमें वह दिल्ली में ही सेल्फ क्वारन्टीन होने का दावा कर रहा है।

Maulana Saad

तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) के प्रमुख मौलाना साद (Mulana Saad) ने गुरुवार (02-04-2020) को अपने समर्थकों के लिए नया ऑडियो जारी किया। इसमें वह दिल्ली में ही सेल्फ क्वारन्टीन होने का दावा कर रहा है। मौलाना साद इस ऑडियो में कह रहा है, ‘‘मैं दिल्ली में डॉक्टरों की सलाह पर क्वारन्टीन हूं। जमात के सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि वे देश में जहां कहीं भी हो कानून का पालन करें और अपने घरों में ही रहें। सरकार के निर्देशों का पालन करें और कहीं पर एकसाथ एकत्रित ना हों।’’ 

Maulana Saad

बता दें कि मौलाना साद (Mulana Saad) को दिल्ली पुलिस तलाश रही है। उसने लॉकडाउन के बावजूद दक्षिण दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन तब्लीगी जमात के मरकज में करीब 5 हजार लोगों को इकट्‌ठा किया था। उस पर जमात के सदस्यों को कोरोनावायरस के बारे में गुमराह करने का भी आरोप है।

आपको बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) के मरकज यानी इस्लामिक धार्मिक आयोजन केंद्र में कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे बड़ा मामला सामने आने के बाद देश की राजधानी सहित पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। सोमवार (30 मार्च, 2020) को यहां मौजूद 253 संदिग्ध मरीज तीन अस्पतालों में भर्ती करवाए गए थे।

वहीं, 1,500 अन्य लोग मरकज में ही क्वारंटीन किए गए हैं। मरकज में कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण की खबर मिलने के बाद मौलाना साद पर सामाजिक जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अब दिल्ली पुलिस ने महामारी अधिनियम 1897 और आईपीसी की दूसरी धाराओं के तहत मौलाना साद समेत छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

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कौन हैं मौलाना मुहम्मद साद?: 10 मई 1965 को दिल्ली में जन्मे मौलाना साद (Mulana Saad) का पूरा नाम मौलाना मुहम्मद साद कंधलावी है। उन्होंने हजरत निजामुद्दीन मरकज के मदरसा काशिफुल उलूम से आलिम की डिग्री हासिल की है। वह भारतीय उपमहाद्वीप में सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के संस्थापक मुहम्मद इलियास कंधलावी के परपोते हैं। मौलाना इलियास कंधालवी उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कांधला के रहने वाले थे। इसी वजह से वह कंधलावी लगाते थे। इसके बाद आगे आने वाली पीढ़ियों ने भी कंधलावी लगाना शुरू कर दिया।

यूं बने जमात के सर्वेसर्वा: 1995 में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के प्रमुख मौलाना इनामुल हसन की मौत के बाद मौलाना साद ने मरकज की कमान संभाल ली। इसके बाद वह तब्लीगी जमात सर्वेसर्वा बने हुए हैं। मौलाना साद खुद को तबलीगी जमात के एकछत्र अमीर घोषित कर चुके हैं। वह खुद को तबलीगी जमात का सबसे बड़ा मानते हैं। मौलाना साद (Mulana Saad) का नाम 2017 में सुर्खियों में आया था, जब दारु उलूम देवबंद ने तबलीगी जमात से जुड़े मुसलमानों को फतवा जारी कर कहा कि साद कुरान और सुन्ना की गलत व्याख्या करते हैं, ये फतवा भोपाल में साद के एक भाषण के बाद जारी किया गया था।

तीन साल पहले तो जमात में ऐसा विवाद हुआ था कि उसने उसे दो गुटों में बांट दिया था। इसी के बाद मौलाना साद (Mulana Saad) ने पुरानी तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) का खुद को अमीर घोषित किया। दूसरा गुट 10 सदस्यों की सूरा कमेटी बनाकर दिल्ली के तुर्कमान गेट पर मस्जिद फैज-ए-इलाही से अपनी अलग तबलीगी जमात चला रहा है। मौलाना इब्राहीम, मौलाना अहमद लाड और मौलाना जुहैर सहित कई इस्लामिक स्कॉलर इस दूसरे गुट से जुड़े हुए हैं।

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