Swami Vivekananda Jayanti: शिकागो धर्म सभा में स्वामी विवेकानंद ने क्या कहा था? देखें VIDEO

दुनियाभर को अपना अमर संदेश देने वाले महायोगी स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की आज जयंती है। विवेकानंद का अभ्युदय उस समय हुआ था जब पूरा भारत परतंत्रता की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था।

Swami Vivekananda

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स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) ने कहा कि हिंदू धर्म का असली संदेश लोगों को अलग-अलग धर्म संप्रदायों के खांचों में बांटना नहीं, बल्कि पूरी मानवता को एक सूत्र में पिरोना।

दुनियाभर को अपना अमर संदेश देने वाले महायोगी स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की आज जयंती है। विवेकानंद का अभ्युदय उस समय हुआ था जब पूरा भारत परतंत्रता की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। विदेशी अपने साम्राज्य के साथ साथ अपनी संस्कृति भी भारत में फैला रहे थे।

दुनिया को यह बताना आवश्यक हो गया था कि भारतीय संस्कृति वह संस्कृति है जिसने अपनी उदारता के कारण विदेशी व्यापारियों को भी अपने यहां शरण दी। भारतीय धर्म वह धर्म है जो आज भी सम्पूर्ण विश्व को सत्य और न्याय का मार्ग दिखाने में सक्षम है। इस उत्तर को देने का बीड़ा उठाया स्वामी विवेकानंद ने।

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स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का जन्म 12 जनवरी, 1863 में एक बंगाली परिवार में हुआ था। पिता विश्वनाथ बाबू एक सुप्रसिद्ध वकील थे, माता भुवनेश्वरी देवी एक गृहणी थीं। उनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। नरेंद्र बचपन से ही अत्यंत जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे। प्रत्येक घटना उनके लिए जिज्ञासा का विषय बन जाती थी।

जैसे-जैसे बड़े होते गए उनकी यह प्रवृत्ति बढ़ती गई। कम उम्र में ही पश्चिमी और भारतीय दर्शनों का अध्ययन करने लगे। इसके बाद उनके मन में प्रश्न उठता ‘क्या कहीं ईश्वर हैं?’ वे इस गुत्थी को जितना सुलझाने का प्रयत्न करते उतना ही उलझती जाती। विवेकानंद की खोज पूरी हुई स्वामी रामकृष्ण परमहंस के रूप में।

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शिकागो धर्म संसद में उनका हिन्दू धर्म पर दिया व्याख्यान तो अमर ही हो गया। पूरे विश्व में हिन्दू धर्म की पहचान बनी। स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) ने कहा कि हिंदू धर्म का असली संदेश लोगों को अलग-अलग धर्म संप्रदायों के खांचों में बांटना नहीं, बल्कि पूरी मानवता को एक सूत्र में पिरोना।

गीता में भगवान कृष्ण ने भी यही संदेश दिया था कि अवग-अलग कांच से होकर हम तक पहुंचने वाला प्रकाश एक ही है। ईश्वर ने भगवान कृष्ण के रूप में अवतार लेकर हिंदुओं को बताया क‍ि मोतियों की माला को पिरोने वाले धागे की तरह मैं हर धर्म में समाया हुआ हूं। तुम्हें जब भी कहीं ऐसी असाधारण पवित्रता और असामान्य शक्ति दिखाई दे, जो मानवता को ऊंचा उठाने और उसे सही रास्ते पर ले जाने का काम कर रही हो, तो समझ लेना मैं वहां मौजूद हूं।

यहां सुनें शिकागो धर्म सभा में दिया गया उनका भाषण-

स्‍वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) कहते थे कि वेदांत ही सिखाता है क‍ि कैसे धार्मिक विचारों की विविधता को स्वीकार करना चाहिए। सभी को एक ही विचारधारा के अन्तर्गत लाने की कोश‍िश नहीं करनी चाहिए। वेदांत विश्व के एकत्व की बात करता है।

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