Women officers standing in front of Supreme Court of India
आज उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में भारतीय सेना की 17 महिला अफसरों की याचिका पर सुनवाई होगी। इन महिला ऑफिसर का आरोप है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद भी सरकार ने अभी तक महिला अफसरों को 50 फीसदी का स्थायी कमीशन नहीं दिया है।
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सेना की लेफ्टिनेंट कर्नल आशु यादव और अन्य दूसरी महिला ऑफिसर ने आरोप लगाया है कि उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के आदेशों का पूर्णत: पालन नहीं किया गया।
Supreme Court will hear today the plea filed by 17 women officers from Indian Army alleging that the Army has not yet granted the Permanent Commission (PC) to even 50% of women officers despite a Supreme Court judgment regarding the same. pic.twitter.com/zmPzBUysmV
— ANI (@ANI) January 27, 2021
महिला ऑफिसर्स ने अपनी याचिका में ये आरोप लगाया है कि स्थायी कमीशन देने की प्रक्रिया मनमाने रवैये, भेदभाव और अतर्कसंगत से दूषित है। आज इस याचिका पर जज डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी।
अपनी याचिका में इन महिला ऑफिसर्स ने आरोप लगाया है कि याचिका दायर करने का उद्देश्य स्थायी कमीशन, पदोन्नति, अन्य लाभ पाने की राह में आने वाली तमाम परेशानियों को उजागर करना है। ये सभी अपना वाजिब हक लेने के लिए 15 साल से अधिक लंबी लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की थी।
गौरतलब है कि 17 फरवरी 2020 को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में सरकार को ये आदेश दिया था कि भारतीय सेना में महिला ऑफिसर को स्थायी कमीशन दिया जाए। न्यायालय ने महिला ऑफिसर की शारीरिक आधार पर केंद्र के रुख को खारिज करते हुए उसे लैंगिक भेदभाव वाली मानसिकता से दूषित करार दिया था।
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