सेना के बाद नेवी में भी महिला अफसरों को स्थाई कमीशन, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

भारतीय सेना (Indian Army) के बाद अब भारतीय नौसेना (Indian Navy) में भी महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें महिला अधिकारियों की शारीरिक सीमाओं का हवाला दिया गया था।

Indian Navy, navy women officers

नौसेना में महिला अधिकारियों को मिलेगा स्थाई कमीशन।

भारतीय सेना (Indian Army) के बाद अब भारतीय नौसेना (Indian Navy) में भी महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें महिला अधिकारियों की शारीरिक सीमाओं का हवाला दिया गया था। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे लैंगिक रूढ़ियों का मामला बताया।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को तीन महीने में महिला अफसरों को स्थाई कमीशन देने के लिए कहा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाते हुए सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन देने का आदेश दिया था। नेवी में महिलाओं को स्थाई कमीशन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि एक बार महिला अधिकारियों के प्रवेश की अनुमति देने के लिए वैधानिक रोक हटा ली गई थी, तब पुरुष और महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने में समान रूप से व्यवहार किया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ेंः सेनाओं में बढ़ रही है महिलाओं की भागीदारी, 2019 में 469 महिला अफसरों की नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाएं पुरुष अधिकारियों के समान दक्षता के साथ नौकायन कर सकती हैं और कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि सामाजिक और मानसिक कारण बताकर महिला अधिकारियों को अवसर से वंचित रखना बेहद भेदभावपूर्ण रवैया है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

इस मामले में केंद्र सरकार ने 11 मार्च को लोकसभा में कहा था कि सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन देने के लिए वह तैयार हैं। साथ ही सरकार ने कहा कि वह इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूरा पालन करेगी। रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने टीएमसी सांसद सौगत रॉय के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी थी।

यह भी पढ़ेंः सेना में बढ़ती महिलाओं की भागीदारी, अब कॉम्बैट रोल में जाने की बारी

रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने कहा था कि हम कोई भेदभाव नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूरी गंभीरता के साथ पालन किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने अपने आदेश में कहा था कि सेना में महिलाओं को स्थाई तैनाती मिलनी चाहिए और पुरुष अधिकारियों की ही तरह उन्हें सैन्य कमान में भी तैनात किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाओं पर लैंगिक आधार पर रोक नहीं लगाई जा सकती। गौरतलब है कि फरवरी महीने में भारतीय सेना में महिला अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि मानसिकता बदलनी होगी। कोर्ट ने कहा कि सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्ति एक विकासवादी प्रक्रिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए महिला अधिकारियों को सेना में स्थाई कमीशन पर मुहर लगा दी।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें