सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में Article 370 खत्म करने के मुद्दे पर सुनवाई शुरू

Article 370

जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) के अधिकांश प्रावधान खत्म करने के सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है।

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जस्टिस एनवी रमण, संजय किशन कौल, आर सुभाष रेड्डी, भूषण गवई और सूर्य कांत की संविधान पीठ के समक्ष नौकरशाह से राजनीति में आए शाह फैसल और अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचन्द्रन ने बहस शुरू की। रामचन्द्रन ने इस मामले में अपनी बहस के दायरे के बारे में अदालत को अवगत कराया। राजू रामचन्द्रन ने कहा कि वह अनच्छेद 370 (Article 370) के सवाल पर बहस करेंगे कि क्या अस्थाई राष्ट्रपति शासन की आड़ में राज्य और केन्द्र के बीच संघीय रिश्तों में अपरिवर्तनीय बदलाव लाए जा सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि वह इस सवाल पर भी बहस करेंगे कि क्या निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से जम्मू कश्मीर की जनता की भागीदारी के बगैर ही ऐसा किया जा सकता है, क्योंकि अब इस राज्य को दो केन्द्र शासित राज्यों में बांट दिया गया है। रामचन्द्रन ने कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा विशेषकर जम्मू कश्मीर के संदर्भ में है कि जब अनच्छेद 370 (Article 370) में ही संबंधों में बदलाव की व्यवस्था है तो क्या अपरिवर्तनीय बदलाव करते समय उस व्यवस्था को नजरअंदाज किया जा सकता है।

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इस मामले में दायर याचिकाओं में वकील, कार्यकर्ता, निजी लोग और नेशनल कांफ्रेंस, सज्जाद लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कांफ्रेंस और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी की याचिकाएं भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 14 नवम्बर को इन याचिकाओं पर कोई अंतरिम आदेश देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि इससे मामले में विलंब हो सकता है और सुप्रीम कोर्ट सभी पक्षों को सुनने के बाद एक ही बार में इन मुद्दों का निपटारा करना चाहेगी।

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