Super Blood Moon 2021: साल का पहला सुपर ब्लड मून, चांद दिखेगा 7 गुना ज्यादा बड़ा

Super Blood Moon 2021: साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse 2021) आज यानी 26 मई को देखा जाएगा। नासा के मुताबिक, इस दौरान चांद पहले से ज्यादा बड़ा और चमकीला नजर आएगा।

Super Blood Moon 2021

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इस साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2021) कई मायनों में दुर्लभ है। ये ग्रहण वाले दिन सुपरमून कहलाएगा और ब्लड रेड रंग का (Super Blood Moon 2021) होगा।

Super Blood Moon 2021: साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2021) आज यानी 26 मई को देखा जाएगा। नासा के मुताबिक, इस दौरान चांद पहले से ज्यादा बड़ा और चमकीला नजर आएगा। इसको लेकर नासा (NASA) ने कहा है कि 26 मई को चांद पूरी तरह पृथ्वी की छाया में चला जाएगा। इस वजह से उसका आकार काफी बड़ा नजर आएगा।

यह चंद्र ग्रहण पूर्वी एशिया, अमेरिका, अटलांटिक, और प्रशांत महासागर में देखा जा सकेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। साल का पहला चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार, दोपहर 02 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगा और शाम 07 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 2 मिनट है। पूर्ण चंद्र ग्रहण 14 मिनट तक रहेगा और आंशिक 2 घंटे 53 मिनट तक रहेगा।

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भारत में यह ग्रहण दोपहर 3 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इस दौरान चांद 15 गुना अधिक चमकीला और 7 गुना ज्यादा बड़ा दिखेगा। इस चंद्र ग्रहण को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा।

अगरतला, कोलकाता, चेरापूंजी, कूचबिहार, इम्फाल, ईटानगर, गुवाहाटी, मालदा, कोहिमा, लुमडिंग, पुरी, सिलचर और दीघा में आंशिक चंद्र ग्रहण नजर आ सकता है। इसके अलावा यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी कुछ वक्त के लिए दिखेगा। जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवात यास के कारण ग्रहण दिखने की संभावना कम है।

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इस साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण कई मायनों में दुर्लभ है। ये ग्रहण वाले दिन सुपरमून कहलाएगा और ब्लड रेड रंग का (Super Blood Moon 2021) होगा। ये दोनों संयोग कई सालों में एक बार आता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसे सुपर लूनर इवेंट कहा जाता है। क्योंकि ये सुपरमून भी होगा, ग्रहण भी होगा और चंद्रमा खूनी लाल रंग का दिखेगा।

भारत में चंद्रोदय के बाद ग्रहण के आंशिक चरण की समाप्ति कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। इस खगोलीय को ब्लड मून भी कहा जाता है क्योंकि इसमें चंद्रमा थोड़ा लाल-नारंगी रंग का दिखाई देता है। 

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बता दें कि पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे सूर्य की किरणें सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती हैं। जब चंद्रमा पृथ्वी के पीछे पूरी तरह से ढक जाता है तब इस पर सूर्य की कोई रोशनी नहीं पड़ रही होती है। ये अंधेरे में चला जाता है। लेकिन चंद्रमा कभी पूरी तरह से काला नहीं होता। ये लाल रंग का दिखने लगता है। इसलिए कई बार पूर्ण चंद्र ग्रहण को ब्लड मून (Super Blood Moon 2021) भी कहा जाता है।

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