भारत-चीन सीमा विवाद: मौजूदा गतिरोध पर भारतीय विदेश मंत्री ने दी प्रतिक्रिया, ‘लद्दाख की घटनाओं ने दोनों देशों के रिश्ते को प्रभावित किया’

विदेश मंत्री (S Jaishankar) ने बताया कि लद्दाख की घटनाओं ने दोनों देशों द्वारा सीमा पर सैनिकों की संख्या को कम करने की प्रतिबद्धता का अनादर किया, बल्कि शांति भंग करने की इच्छा भी जाहिर की।

S Jaishankar comments on Terrorism

विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) II फाइल फोटो।

चीनी अध्ययन पर 13वें अखिल भारतीय सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुये भारतीय विदेश मंत्री (Subrahmanyam Jaishankar) ने चीन के साथ सीमा विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनके मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में पिछले साल हुई घटनाओं ने दोनों देशों के संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है और इसे आगे तभी बढ़ाया जा सकता है जब वे आपसी सम्मान, संवेदनशीलता, साझा हित जैसी परिपक्वता पर आधारित हों।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर (Subrahmanyam Jaishankar) ने बताया कि भारत-चीन के संबंध ऐसे दोराहे पर खड़े हैं जहां से किसी भी विकल्प को चुनने से न केवल दोनों देशों पर बल्कि पूरी दुनिया पर इसका असर पड़ेगा। क्योंकि भारत को नियंत्रण रेखा की यथास्थिति को बदलने का कोई भी एकतरफा प्रयास स्वीकार्य नहीं है।

विदेश मंत्री (Subrahmanyam Jaishankar) के मुताबिक,  साल 2020 में हुई घटनाओं ने दोनों देशों के आपसी संबंधों पर वास्तव में अप्रत्याशित दबाव बढ़ा दिया है। ऐसे में हमारे बीच जो समझौते हुए हैं, उनका पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान और नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

विदेश मंत्री (Subrahmanyam Jaishankar) ने बताया कि लद्दाख की घटनाओं ने दोनों देशों द्वारा सीमा पर सैनिकों की संख्या को कम करने की प्रतिबद्धता का अनादर किया, बल्कि शांति भंग करने की इच्छा भी जाहिर की। ऐसे में हमें चीन के रुख में बदलाव और सीमान्त इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती पर अब भी कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं मिला है। इसलिए चीन के साथ संबंधों को आगे तभी बढ़ाया जा सकता है जब वे आपसी सम्मान व संवेदनशीलता के साथ आपसी हित जैसी परिपक्वता पर दर्शाये।

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