नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बाइक से गश्त करने के लिए मजबूर हैं जवान, नहीं मिला चार पहिया वाहन

बालाघाट (Balaghat) जिले की तहसील में 7 थानों की 12 पुलिस चौकियों में गश्त के लिए सालों से चौकी प्रभारियों को वाहन नहीं दिए गए हैं।

Naxals

फाइल फोटो

बालाघाट (Balaghat) जिले की तहसील में 7 थानों की 12 पुलिस चौकियों में गश्त के लिए सालों से चौकी प्रभारियों को वाहन नहीं दिए गए हैं, वह बाइक से ही अपना काम चला रहे हैं। लेकिन ये जवानों की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल है?

मध्य प्रदेश का बालाघाट (Balaghat) नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। यहां अक्सर नक्सली (Naxal) हमले की आशंका बनी रहती है। ऐसे में हमारे पुलिस के जवान चौबीस घंटे इस क्षेत्र की निगरानी करते हैं, जिससे यहां के लोग चैन की नींद सो सकें।

लेकिन इन जवानों की सुरक्षा कौन करेगा? ये एक बड़ा सवाल इसलिए है क्योंकि हमारे जवान आज भी इस नक्सल क्षेत्र की निगरानी के लिए बाइक का प्रयोग करते हैं। बाइक पर बैठकर किसी नक्सली का पीछा करना और फिर उस नक्सली को पकड़कर थाने लाना सिर्फ एक चुनौती नहीं है बल्कि जान का खतरा भी है।

ये भी पढ़ें- ISIS आतंकी की पत्नी ने किया चौंकाने वाला खुलासा, कहा- कमरे में बंद होकर वो रातभर… 

जिले की तहसील में 7 थानों की 12 पुलिस चौकियों में गश्त के लिए सालों से चौकी प्रभारियों को वाहन नहीं दिए गए हैं, वह बाइक से ही अपना काम चला रहे हैं। लेकिन ये जवानों की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल है? जो जवान अपनी जान पर खेलकर जनता की सुरक्षा करते हैं, क्या सरकार और प्रशासन का ये दायित्व नहीं है कि वो उन जवानों की सुरक्षा के लिए उन्हें चार पहिया गाड़ी से गश्त करने की सुविधा दे? फिलहाल तो हालात ये हैं कि 300 गांवों में जवान अपनी बाइक से ही गश्त करते हैं।

इन इलाकों में जंगल भी हैं। जिनमें बाइक से गश्त करते समय हमलावर ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। जनता की सुरक्षा के लिए यहां जवान तो काफी हैं, लेकिन गश्त करने के लिए चार पहिया वाहन ही नहीं हैं।

इस मामले में बालाघाट के एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया है कि जवानों की समस्या के लिए शासन को पत्र लिखा गया है और शासन से चार पहिया वाहन उपलब्ध कराने की मांग की गई है।

ये भी पढ़ें- 

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें