
फाइल फोटो।
छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले (Sukma Naxal Attack) में हमें बड़ा नुकसान हुआ है। लिहाजा अब सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ लोहा लेने के लिए अपनी रणनीति में एक अहम बदलाव किया है। जानकारी के मुताबिक अब सुरक्षा बल घने जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में सैटेलाइट ट्रैकर के जरिए ही आगे बढ़ेंगे। सुकमा के पास स्थित बीहड़ों में शनिवार को हुए हमले (Sukma Naxal Attack) में नक्सलियों ने कायरतापूर्ण तरीके से हमारे 17 जवानों को मारा था। यह सभी जवान शुरू में लापता बताए जा रहा थे बाद में इनके शव मिले थे।

पता चला है कि घने जंगलों में जवानों का सैटेलाइट ट्रैकर का संपर्क टूट गया था। जिसकी वजह से हमें बड़ी क्षति हुई। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब भी जवान जंगलों में ऑपरेशन के लिए जाएंगे, तो उनकी कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग की जाएगी। वहीं, इस दौरान फोर्स को निर्देशित किया गया है कि किसी भी स्थिति में सैटेलाइट ट्रैकर बंद होने के बाद ऑपरेशन में आगे ना चलाएं। यानी बदली रणनीति के तहत अगर जवान किसी भी ऑपरेशन पर जाते हैं और उनका संपर्क सैटेलाइट ट्रैकर से टूटता है तो वो वहीं रुक जाएंगे और फिर से संपर्क होने का इंतजार करेंगे।
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इधर यह भी कहा जा रहा है कि हमारे सुरक्षा बल के बहादुर जवान कुख्यात नक्सली हिडमा को चारों तरफ से घेर चुके हैं। दरअसल, फोर्स नक्सलियों के प्रभाव वाले इलाके में काफी अंदर तक घुस गई है। तेलंगाना पुलिस भी ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस का साथ दे रही है। बताया जा रहा है कि सुकमा के पास तेलंगाना की सीमा को सेंट्रल फोर्स और तेलंगाना पुलिस के जवानों ने कवर किया है। ऐसे में हिडमा के सुकमा से बाहर निकलने के सारे रास्ते लगभग बंद कर दिए गए हैं।
हमारे जवान इस रणनीति पर काफी बेहतरीन काम कर रहे हैं। माना जा रहा है कि पिछले दिनों नक्सलियों से मुठभेड़ (Naxal Encounter) भी इसी रणनीति का एक हिस्सा था। हालांकि इस दौरान हमें नुकसान जरुर उठाना पड़ा है। लेकिन जवानों के हौसले बुलंद हैं और नक्सलियों के पास अब दिन कम।
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