रूस ने पाकिस्तान-चीन को दिखाया आईना, कहा- कश्मीर पर भारत के रुख को लेकर कोई शंका नहीं

भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव (Nikolay Kudashev) ने 17 जनवरी को कहा कि रूस को कश्मीर पर भारत के रुख को लेकर कोई शंका नहीं है। यह पूरी तरह से भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है।

Nikolay Kudashev

भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव (Nikolay Kudashev) ने 17 जनवरी को कहा कि रूस को कश्मीर पर भारत के रुख को लेकर कोई शंका नहीं है।

भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव (Nikolay Kudashev) ने 17 जनवरी को कहा कि रूस को कश्मीर पर भारत के रुख को लेकर कोई शंका नहीं है। यह पूरी तरह से भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है। कुदाशेव ने बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेने के लिए 22 और 23 मार्च को रूस जाएंगे।

Nikolay Kudashev
भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव।

भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव (Nikolay Kudashev) ने 17 जनवरी को कहा कि रूस को कश्मीर पर भारत के रुख को लेकर कोई शंका नहीं है। यह पूरी तरह से भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है। कुदाशेव ने बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेने के लिए 22 और 23 मार्च को रूस जाएंगे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर जाने के लिए आमंत्रित न किए जाने पर कहा, ‘जिन्हें कश्मीर पर भारत के रुख को लेकर शंकाएं हैं, वे वहां जा सकते हैं, हमें कोई शक नहीं है।’

सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दा उठाने की चीन की कोशिशों पर कुदाशेव ने कहा, ‘शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र के आधार पर यह भारत और पाकिस्तान के बीच का पूरी तरह से द्विपक्षीय मामला है।’ कुदाशेव (Nikolay Kudashev) ने कश्मीर मसले को चीन द्वारा संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने की कोशिशों पर कहा कि हम इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के अजेंडे में लाने के पक्ष में नहीं रहे हैं। विदेशी दूतों के कश्‍मीर दौरे पर उन्‍होंने कहा, ‘यह आपका फैसला है। इस बारे में निर्णय लिया जाना आपका अंदरूनी मामला है जो भारत के संविधान से जुड़ा है। जहां तक मेरे कश्‍मीर जाने का सवाल है तो मैं समझता हूं कि मेरे वहां जाने की कोई वजह नहीं है।’

गौरतलब है कि बीते 15 जनवरी को कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में ले जाने की चीन और पाकिस्‍तान की कोशिश नाकाम हो गई। पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन ने इस बैठक के लिए दवाब बनाया था। हालांकि, UNSC के स्थाई सदस्यों अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस ने चीन के अरमानों पर पानी फेर दिया। इन देशों ने कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय ममाला माना और इसे बातचीत से सुलझाने को कहा।

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