DRDO के नाम एक और बड़ी कामयाबी, एंटी रेडिएशन मिसाइल ‘रुद्रम’ का सफल परीक्षण

चीन (China) के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत अपना रक्षा शक्तियों को लगातार मजबूत करने में लगा हुआ है। चीन की चालबाजियों का जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है।

Rudram

रुद्रम’ (Rudram) भारत में बनाई गई इस तरह की पहली मिसाइल है, जो किसी भी ऊंचाई से दागी जा सकती है। ये मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ सकती है।

चीन (China) के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत अपना रक्षा शक्तियों को लगातार मजबूत करने में लगा हुआ है। चीन की चालबाजियों का जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक बार फिर बड़ी कामयाबी हासिल की है।

DRDO ने 9 सितंबर को एंटी रेडिएशन मिसाइल ‘रुद्रम’ (Rudram) का सफल परीक्षण किया। इसे ‘न्यू जेनेरेशन एंटी रेडिएशम मिसाइल’ (NGRAM) के नाम से भी जानते हैं।

इस मिसाइल को DRDO ने बनाया है। इसका परीक्षण सुखोई-30 फाइटर एयरक्राफ्ट से किया गया। ‘रुद्रम’ (Rudram) भारत में बनाई गई इस तरह की पहली मिसाइल है, जो किसी भी ऊंचाई से दागी जा सकती है। ये मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ सकती है।

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साथ ही यह अपनी रडार में लाकर ये मिसाइल नष्ट कर सकती है। अभी ये मिसाइल डेवलेपमेंट ट्रायल में है। इन ट्रायल्स के पूरा होने के बाद जल्द ही इन्हें सुखोई और स्वदेशी विमान तेजस में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

बता दें कि इससे पहले 5 अक्टूबर को DRDO ने सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) का सफल परीक्षण किया था। DRDO ने इसका ओडिशा के तट पर परीक्षण किया था।

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इस SMART के जरिए वॉर शिप में स्टैंड ऑफ क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। परीक्षण के दौरान इसकी रेंज, एल्टीट्यूड, टॉरपीडो को छोड़ने की क्षमता और VRM पर स्थापित करने की क्षमता ने पूरी तरह से सही काम किया।

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इसके अलावा, DRDO ने 3 अक्टूबर को ओडिशा के बालासोर से शौर्य मिसाइल (Shaurya Missile) के नए वर्जन का सफल परीक्षण किया। जमीन से जमीन पर मार करने वाला यह बैलेस्टिक मिसाइल परमाणु क्षमता से लैस है। यह मिसाइल 800 किलोमीटर दूर तक टारगेट को तबाह कर सकता है। यह मिसाइल मौजूदा मिसाइल सिस्टम को मजबूत करेगा। यह संचालन में हल्का है।

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