
भारत ने राजस्थान के बाड़मेर में अपनी शक्ति की एक झलक दुनिया (खासकर पाकिस्तान और चीन) के सामने पेश की। पाकिस्तान की सीमा से महज 40 किलोमीटर दूर बाड़मेर के हाईवे पर बनी साढ़े तीन किलोमीटर लंबी इमरजेंसी फील्ड लैंडिंग स्ट्रिप पर सुपर हरक्यूलिस ने लैंडिंग की। सुपर हरक्यूलिस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सवार थे। इसके बाद फाइटर जेट्स सुखोई–30 और जगुआर ने भी इस इमरजेंसी स्ट्रिप पर टच एंड गो लैंडिग की। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदोरिया भी मौजूद थे।
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बाड़मेर–जालोर जिले की सीमा पर बनी देश की पहली इमरजेंसी एयर स्ट्रिप पर लडाकू विमानों की ट्रॉयल लैंडिंग के बाद एयरफोर्स के अधिकारियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए देश रक्षा क्षेत्र में जल्द ही विश्व एक्सपोर्टिंग कंट्री के रूप में पहचान बनाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के अनुसार, अब तक आपने सड़क पर गाडी‚ बैलगाडी या कार को चलते ही देखा होगा‚ लेकिन पहली बार किसी हाईवे पर हवाई जहाज को देखेंगे। अब सड़कों पर हवाई जहाज और फाइटर प्लेन भी उतरेंगे।
रक्षा मंत्री (Rajnath Singh) ने मुताबिक, इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड सुरक्षा के प्रति भरोसा जगाता है। इंटरनेशल बॉर्डर के पास इस तरह की एयर स्ट्रिप का तैयार होना यह साबित करता है कि हम अपनी रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार और सक्षम हैं। यह स्ट्रिप यह संदेश भी देता है कि भारत किसी भी तरह की चुनौती स्वीकार करने को तैयार हैं। हम एक भारत और सशक्त भारत की परिकल्पना की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं।
मुझे विश्वास है, कि हमारा defence sector आने वाले समय में न केवल सशक्त और आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि पूरी दुनिया के लिए रक्षा प्रणालियों का manufacturing hub बनेगा। इसका रास्ता, इसी तरह के programme से होकर जाता है: रक्षा मंत्री श्री @rajnathsingh
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 9, 2021
रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बताया कि युद्ध के साथ प्राकृतिक आपदाओं में भी यह एयर स्ट्रिप काम आएगी। अब तक भारत दूसरे देशों से हथियार और अन्य सामग्री आयात करता था‚ लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि डेढ दशक में भारत निर्यातक देश के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। कार्यक्रम में उन्होंने सुखोई और जगुआर के कैप्टन को बधाई भी दी।
यह स्ट्रिप भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बाडमेर–जालोर की सीमा पर देश की पहली इमरजेंसी एयर स्ट्रिप के रूप में तैयार की गई है। इस एमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप के अलावा एयरफोर्स और इंडियन फोर्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कुंदनपुरा‚ सिंघानिया और भाखासर गांवों में 100 गुना 30 मीटर आकार के तीन हेलिपैड भी बनाए गए हैं।
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