गुप्तेश्वर पांडेय के बाद राजस्थान के DGP ने भी दी VRS की अर्जी, जानें वजह

अभी पिछले दो दिन से बिहार (Bihar) के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteswar Panday) के वीआरएस (VRS) को लेकर चर्चा हो ही रही थी कि इसी बीच भारतीय पुलिस सेवा से जुड़े एक और अधिकारी ने वीआरएस लेकर चर्चा का बाजार गर्म हो गया है।

DGP Bhupendra Yadav

कुछ महीनों पहले प्रदेश में हुए सबसे बड़े सियासी घमासान में डीजीपी भूपेन्द्र यादव (DGP Bhupendra Yadav) भी काफी सक्रिय दिखाई दिए थे।

अभी पिछले दो दिन से बिहार (Bihar) के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteswar Panday) के वीआरएस (VRS) को लेकर चर्चा हो ही रही थी कि इसी बीच भारतीय पुलिस सेवा से जुड़े एक और अधिकारी ने वीआरएस लेकर चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। अब राजस्थान के डीजीपी डॉ. भूपेन्द्र यादव (DGP Bhupendra Yadav) ने भी VRS की अर्जी दे दी है।

जानकारी के अनुसार अपनी बेदाग छवि के पहचान रखने वाले डीजीपी भूपेन्द्र सिंह के वीआरएस को लेकर भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने डीजीपी भूपेंद्र यादव की स्वैच्छिक सेवानिवृति की अर्जी पर अब तक कोई निर्णय नहीं किया है।

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भूपेंद्र यादव (DGP Bhupendra Yadav) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे पसंदीदा अधिकारियों में से एक माने जाते हैं। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें आरपीएससी (RPSC) में चेयरमैन बनाया जा सकता है। दरअसल, डीजीपी यादव 2021 की शुरुआत में ही रिटायर हो रहे हैं, अगर भूपेंद्र यादव आरपीएससी (RPSC) के चेयरमैन बनते हैं, तो उनको करीब एक साल का और वक्त मिल सकता है।

वहीं, आरपीएससी (RPSC) के नियमों के मुताबिक 62 साल की उम्र तक वहां चेयरमैन हो सकता है। अभी भूपेंद्र यादव (DGP Bhupendra Yadav) करीब 61 साल के हैं, ऐसे में वह 1 साल से ज्यादा वक्त तक RPSC के अध्यक्ष रह सकते हैं। वहीं राजस्थान में मुख्य सूचना आयुक्त का पद भी खाली है, इस पद के लिए 7 अक्टूबर तक आवेदन मांगे गए हैं, डीजीपी भूपेंद्र यादव को यह पद भी दिया जा सकता है।

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जहां बिहार के डीजीपी के वीआरएस (VRS) लेने के बाद उनकी सियासत में एंट्री की चर्चा हो रही है, तो वहीं अब राजस्थान (Rajasthan) के डीजीपी की सवैधानिक पद पर जाने की चर्चा हो रही है। बता दें कि कुछ महीनों पहले प्रदेश में हुए सबसे बड़े सियासी घमासान में डीजीपी भूपेन्द्र यादव भी काफी सक्रिय दिखाई दिए थे।

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हरियाणा के मानेसर के रिसोर्ट में रूके विधायकों से पूछताछ करने गई एसओजी की टीम भूपेन्द्र यादव (DGP Bhupendra Yadav) के मार्गदर्शन में ही काम कर रही थी। यही वजह थी कि इस दौरान जब हरियाणा में राजस्थान एसओजी को रोका गया, तो यादव ने हरियाणा डीजीपी और दिल्ली पुलिस कमिश्ननर को एसओजी का सहयोग करने के लिए चिट्ठी लिखी थी।

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