राफेल विमान के इंतजार में है हर नौजवान, जानें दसॉल्ट एविएशन से कितना पुराना है भारत का रिश्ता

फ्रांस से भारत का रिश्ता नया नहीं है, इसकी शुरुआत साल 1953 में हुई थी। यह वह दौर था जब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही थी।

Rafale

फ्रांस, भारत को दुनिया की सबसे बेहतर तकनीक से लैस राफेल विमान दे रहा है। राफेल का अर्थ होता है ‘अचानक उठा हवा का झोंका’। यह एक झटके में ही दुश्मनों को नष्ट कर देता है। राफेल के आने से भारतीय वायु सेना की ताकत मजबूत होगी।

भारत और चीन (China) की तनातनी के बीच अच्छी खबर यह है कि 5 राफेल भारत आ रहे हैं। वैसे तो राफेल (Rafale) विमान भारत के तभी हो गए थे जब पिछले साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने फ्रांस पहुंचकर पूजा-अर्चना की थी।

फ्रांस (France) से भारत का रिश्ता नया नहीं है, इसकी शुरुआत साल 1953 में हुई थी। यह वह दौर था जब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही थी। उस वक्त फ्रांस का दसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) तेजी से नए लड़ाकू विमानों की खोज पर काम कर रहा था।

1947-49 के बीच दसॉल्ट एविएशन ने Ouragan नाम के लड़ाकू विमान बनाए। Ouragan एक फ्रेंच वर्ड है जिसका अर्थ होता है तूफान। यह खास प्रकार के लड़ाकू विमान थे जिसमे 20 एमएम की चार गन लगी हुई थीं। इसके पंखों के नीचे 450 किलोग्राम के दो बम लगाए जा सकते थे। उस वक्त भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को यह लड़ाकू विमान पसंद आए।

पंडित नेहरू ने 25 जून 1953 को 71 Ouragans का ऑर्डर दे दिया। बाद में इसकी संख्या बढ़ाकर 113 कर दी गई थी। फ्रांस के लिए भारत ऐसा पहला विदेशी कस्टमर था, जिसने दसॉल्ट के साथ डील कर लड़ाकू विमान खरीदा। दसॉल्ट ने इस डील का उल्लेख अपनी वेबसाइट में करते हुए लिखा है कि भारत में Ouragans का नाम बदलकर तूफानी (Typhoons) रखा गया।

तूफानी लड़ाकू विमान सुपर सोनिक विमानों की श्रेणी में नहीं आते थे। उनकी रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से कम थी। भारत ने तूफानी विमानों का इस्तेमाल 1961 में द्वीप दीव को पुर्तगाली कब्जे से आजाद कराने के लिए किया था।

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1962 में असम और नागालैंड में उग्रवादियों को खदेड़ने तथा चीन के साथ युद्ध के दौरान भी ये विमान भारत के लिए बहुत कारगर साबित हुए थे। 1957 में ही भारतीय वायुसेना ने दसॉल्ट से 100 Mystère IV-A लड़ाकू विमान खरीद लिया था।

Mystère IV-A, तूफानी से शक्तिशाली और नई तकनीक से लैस था इसलिए 1965 में तूफानी की सेवाएं लेनी बंद कर दी गईं। इसके बाद 1978 में भारत ने फ्रांस से 40 जगुआर ‘रेडी टू फ्लाई’ कंडीशन में खरीदा। जगुआर में लेजर गाइडेड बम और मिसाइलें लगीं थी। कारगिल युद्ध मे इस विमान का इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना पर बम गिराने के लिए किया गया था।

1985 में भारत ने दसॉल्ट एविएशन से 49 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों को खरीदा। 2000 लड़ाकू विमानों ने बालाकोट में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अड्डों को नष्ट कर दिया था। और अब फ़्रांस, भारत को दुनिया की सबसे बेहतर तकनीक से लैस राफेल विमान दे रहा है। राफेल का अर्थ होता है ‘अचानक उठा हवा का झोंका’। यह एक झटके में ही दुश्मनों को नष्ट कर देता है। राफेल के आने से भारतीय वायु सेना की ताकत मजबूत होगी।

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