भारत-चीन सीमा विवाद: लद्दाख घाटी में राफेल विमानों की दहाड़ से दुश्मन के उड़े होश, चीन को भारतीय वायु सेना का करारा जवाब

राफेल विमान (Rafale) जब वायु सेना में शामिल किए गए थे, तब वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा था कि उन्हें सही वक्त पर वायु सेना (Indian Air Force) में शामिल किया गया है।

Rafale

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चीन से तनानती के बीच भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने भी अपनी तैयारियों को चाक-चौबंद कर दिया है। हाल में वायु सेना में शामिल हुए राफेल विमान (Rafale) भी लद्दाख में उड़ान भर रहे हैं। वायु सेना के सुखोई और मिराज विमानों को वहां पहले से ही तैनात कर दिया गया है। गौरतलब है कि एलएसी के उस पार चीनी वायुसेना के एडवांस फाइटर जेट JF-20, बॉम्बर्स और हैलीकॉप्टर लगातार अपना युद्धाभ्यास कर रहे हैं। ऐसे में भारतीय वायु सेना भी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सीमा पर पूरी तरह से तैयार है।

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LaC पर राफेल (Rafale) की दहाड़

सूत्रों के अनुसार राफेल विमानों ने लद्दाख के आसपास के क्षेत्रों में उड़ान भरी हैं। सरकारी सूत्रों ने भी इस बात की पुष्टि की है। कुछ मिराज विमान भी उड़ान भरते देखे गए हैं। वायु सेना (Indian Air Force) ने पिछले 10 सितंबर को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर आयोजित एक समारोह में राफेल विमानों (Rafale) को वायु सेना में शामिल किया था। इससे पहले जुलाई के आखिर में फांस से पांच राफेल विमान अंबाला पहुंचे थे।

राफेल विमान (Rafale) जब वायु सेना में शामिल किए गए थे, तब वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा था कि उन्हें सही वक्त पर वायु सेना (Indian Air Force) में शामिल किया गया है। ये वायु सेना की ताकत में इजाफा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि गोल्डन रोज (राफेल स्वाड्रन) को जहां भी तैनात किया जाएगा, वह हमेशा दुश्मन पर भारी पड़ेंगे। बीच में खबरें आई थीं कि चीन ने तिब्बत के क्षेत्र में पड़ने वाले कई हवाई अड्डों पर लड़ाकू विमानों की तैनाती की है, जिसके चलते भारत के लिए भी इस प्रकार का कदम उठाना जरूरी है।

पिछले दिनों वायु सेना (Indian Air Force) प्रमुख ने भी एलएसी के करीब स्थित वायु सेना केंद्रों का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया था। भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडरों की छठे दौर की बातचीत आज मोल्डो में होने जा रही है। इसमें मुख्य रूप से पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के सौनिकों को पीछे हटाना और तनाव घटाने पर बनी पांच सूत्री सहमति के क्रियान्वयन पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से चीन की ओर मोल्डो में सुबह 9 बजे यह बातचीत शुरू होने वाली है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल में पहली बार विदेश मंत्रालय से एक संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी के इसमें हिस्सा होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि भारत इस बातचीत में कुछ ठोस नतीजे निकलने की उम्मीद कर रहा है।

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