QUAD Summit: क्वाड देशों के पहले शिखर सम्मेलन में उठा भारत-चीन तनाव का मुद्दा

QUAD Summit: पहले क्वाड शिखर सम्मेलन में 12 मार्च को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीन की आक्रामकता पर चर्चा हुई। इस दौरान सदस्य देशों के नेताओं ने भारत के पक्ष में समर्थन दिया।

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वर्चुअल क्वाड समिट (QUAD Summit) में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए ‘क्वाड’ महत्वपूर्ण मंच बनने जा रहा है।

QUAD Summit: पहले क्वाड शिखर सम्मेलन में 12 मार्च को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीन की आक्रामकता पर चर्चा हुई। इस दौरान सदस्य देशों के नेताओं ने भारत के पक्ष में समर्थन दिया। सूत्रों के मुताबिक, हालांकि ऑनलाइन फॉर्मेट के कारण साझा हित वाले मुद्दों पर सतही बात तो हुई लेकिन संवेदनशीलता का ध्यान रखते हुए ऐसे विषयों पर विस्तार से चर्चा नहीं की गई।

यह बात चीन को जरूर चुभने वाली है। वह पहले से ही क्वाड को लेकर चिढ़ा हुआ है। क्वाड समिट (QUAD Summit) में पूर्वी लद्दाख के मुद्दे पर ऐसे वक्त में चर्चा हुई जब 12 मार्च को ही भारत और चीन के बीच एलएसी पर सैनिकों के पीछे हटने को लेकर कूटनीतिक स्तर की 21 वीं मीटिंग हुई। इसके अलावा बैठक में कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित, सस्ते टीके निर्यात करने में भारत की निर्माण क्षमता बढ़ाने का मुद्दा अहम रहा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पहले क्वाड शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वाड समूह के पहले शिखर सम्मेलन (QUAD Summit) को संबोधित करते हुए कहा, “हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के लिए एकजुट हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हमारे एजेंडा में वैक्सीन, क्लाइमेट चेंज और इमर्जिंग टेक्नॉलजी जैसे सेक्टर शामिल हैं, जो ‘क्वाड’ को वैश्विक भलाई की ताकत बनाते हैं।” उन्होंने कहा, “मैं इस सकारात्मक दृष्टिकोण को भारत के वसुधैव कुटुंबकम के दर्शन के विस्तार के तौर पर देखता हूं, जो कि पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है।”

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वर्चुअल समिट (QUAD Summit) में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए ‘क्वाड’ महत्वपूर्ण मंच बनने जा रहा है। उन्होंने कहा, “हम अपनी प्रतिबद्धताओं को जानते हैं। हमारा क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय कानून से संचालित है, हम सभी सार्वभौमिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी दबाव से मुक्त हैं लेकिन मैं हमारी संभावना के बारे में आशावादी हूं।”

बाइडन ने कहा, “क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होने जा रहा है और मैं आने वाले वर्षों में आप सभी के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।”

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ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने अपने भाषण की शुरुआत ही नमस्ते से की। मॉरिसन ने कहा कि चारों देश एक नया भविष्य तैयार करें। समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र बनाए रखने के लिए आपस में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक अब 21 वीं सदी में दुनिया के भाग्य का निर्धारण करेगा। चीन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि महान लोकतंत्रों के चार नेताओं के रूप में हमारी साझेदारी शांति, स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक है।

वहीं, जापान के पीएम योशिहिदे सुगा ने भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सबसे बड़ी ताकत करार दिया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में प्रशांत क्षेत्र दुनिया का भाग्य तय करेगा। सुगा ने आगे कहा कि इंडो-पैसिफिक के चार महान लोकतांत्रिक देशों के नेताओं के रूप में हमारी साझेदारी शांति, स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक है।

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बता दें कि क्वाड में जो 4 देश- भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। इस वर्चुअल समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा शामिल हुए।

कहा जा रहा है कि जून, 2021 में ब्रिटेन की मेजबानी में होनेवाली G7 शिखर बैठक के दौरान क्वाड नेताओं की दूसरी बैठक हो सकती है। हालांकि, इस बारे में अभी फैसला लिया जाना है।

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बता दें कि क्वाड (QUAD) की शुरुआत साल 2007 में हुई थी। इसकी शुरुआत वर्ष 2004-2005 में हो गई जब भारत ने दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में आई सुनामी के बाद मदद का हाथ बढ़ाया था। इसमें 4 देश अमेरिका, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया और भारत शामिल हैं। इससे पहले मार्च में कोरोना वायरस को लेकर भी क्वॉड की मीटिंग हुई थी। इसमें पहली बार न्यूजीलैंड, द कोरिया और वियतनाम भी शामिल हुए थे।

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