Pulwama Attack: पाकिस्तान से 7 आतंकियों की जानकारी मांगेगा भारत, NIA ने तैयार किया लेटर

भारत पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Attack) के मामले में औपचारिक रूप से पाकिस्तान से पूछताछ करेगा। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले में शामिल आतंकवादियों का पाकिस्तान से ब्योरा मांगेगा।

Pulwama Attack

पुलवामा हमला। (फाइल फोटो)

एनआईए (NIA) ने 25 अगस्त को पुलवामा हमले (Pulwama Attack) को लेकर 13,500 पेज की चार्जशीट दायर की थी, जिसमें जैश प्रमुख, मसूद अजहर सहित सभी सात पाकिस्तानियों के नाम थे।

भारत पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Attack) के मामले में औपचारिक रूप से पाकिस्तान से पूछताछ करेगा। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले में शामिल आतंकवादियों का पाकिस्तान से ब्योरा मांगेगा। इसके लिए एक औपचारिक न्यायिक अनुरोध यानी लेटर रोगेटरी (LR), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा तैयार किया गया है।

इस लेटर रोगेटरी में सात आतंकियों, पाकिस्तान में मौजूद मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर और इब्राहिम अतहर तथा उसके चचेरे भाई अम्मार अल्वी के बारे में जानकारी मांगी गई है। गृह मंत्रालय जैसे ही इसे अंतिम रूप दे देता है, जो कि इस महीने के अंत तक संभावित है, कोर्ट से पाकिस्तान को न्यायिक अनुरोध भेजने की अनुमति मांगी जाएगी।

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अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को मजबूत न्यायिक अनुरोध भेजा जा रहा है। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान उन्हें शरण देने के बजाय जैश प्रमुख और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ सबूत मुहैया कराते हुए कार्रवाई करेगा।

अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, इस पूरे मामले के जानकार अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हमले को अंजाम देने के लिए भारत आए तीन पाकिस्तानी, अतहर का बेटा उमर फारूक, कामरान और इस्माइल उर्फ सैफुल्ला की जानकारी मंत्रालय के पास है। इनमें अतहर का बेटा उमर फारूक और कामरान पुलवामा हमले के बाद सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। माना जाता है कि इस्माइल कश्मीर में छिपा है।

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अजहर, असगर, अतहर और अल्वी के ठिकाने के अलावा, भारत उनके और अन्य लोगों के बीच व्हाट्सएप चैट, वॉयस नोट और वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) कॉल और पाकिस्तान से किए गए कॉल की जानकारी सहित अन्य जानकारियों की तलाश कर रहा है। उमर फारूक के फोन से बरामद तस्वीरों और वीडियो में पुलवामा हमले (Pulwama Attack) की तैयारी के विभिन्न चरणों को दिखाया गया है।

फारूक को 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले की निगरानी के लिए अप्रैल, 2018 में भारत भेजा गया था। रिपोर्ट के अनुसार, अपने आधिकारिक अनुरोध में भारत सरकार ने फारूक के फोन से निकाले गए जीपीएस लोकेशन की जानकारी के साथ-साथ पाकिस्तान में मीजान बैंक और एलाइड बैंक में उसके खातों में किए गए 10 लाख रुपये के भुगतान का विवरण भी मांगा है। जांच के दौरान एनआईए (NIA) को इसकी जानकारी मिली है।

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बता दें कि एनआईए (NIA) ने 25 अगस्त को पुलवामा हमले (Pulwama Attack) को लेकर 13,500 पेज की चार्जशीट दायर की थी, जिसमें जैश प्रमुख, मसूद अजहर सहित सभी सात पाकिस्तानियों के नाम थे। साथ ही इसमें पुलवामा हमले के जिम्मेदार 12 अन्य लोगों के नाम भी थे।

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