शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस में नहीं बनी बात, महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन

Maharashtra

महाराष्ट्र (Maharashtra) में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद प्रदेश विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी। इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा महाराष्ट्र (Maharashtra) में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की गई थी।

Maharashtra

महाराष्ट्र (Maharashtra) में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद कोई भी दल सरकार नहीं बना पाया। अधिकारियों ने बताया, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने संबंधी उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए। महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुलाई गई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महाराष्ट्र (Maharashtra) के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई और प्रदेश में केंद्रीय शासन लगाने का राष्ट्रपति से अनुरोध करने का निर्णय किया गया। कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील रवाना हो गए।

इस घटनाक्रम के बीच एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के शीर्ष नेता सरकार गठन को लेकर गतिरोध दूर करने और संख्या जुटाने के लिए विचार-विमर्श जारी रखे हुए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के तौर पर कांग्रेस नेता महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन को लेकर आगे बातचीत के लिए महाराष्ट्र (Maharashtra) पहुंच गए।

शिवसेना ने सोमवार को दावा किया था कि एनसीपी और कांग्रेस ने उसे महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीजेपी के बिना सरकार बनाने के लिए सिद्धांत रूप में समर्थन देने का वादा किया है, लेकिन राज्यपाल की ओर से तय समय सीमा समाप्त होने से पहले वह समर्थन का पत्र पेश करने में विफल रही। इस बीच एनसीपी ने कहा कि कांग्रेस के समर्थन और ‘‘तीनों दलों’ के विचार-विमर्श के बिना महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार नहीं बन सकती। राज्यपाल ने पवार की अगुवाई वाली एनसीपी को मंगलवार शाम साढ़े आठ बजे तक सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए कहा था, लेकिन वो भी सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर सके।

राज्यपाल ने कहा, वह संतुष्ट हैं कि सरकार को संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता

Maharashtra

राज्यपाल कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी। कोश्यारी के कार्यालय द्वारा ट्वीट किए गए एक बयान के अनुसार, ‘‘वह संतुष्ट हैं कि सरकार को संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है और इसलिए अनुच्छेद 356 के अनुसार एक रिपोर्ट सौंपी गई है।’ 

शिवसेना को समर्थन पर अभी तक फैसला नहीं

कांग्रेस और एनसीपी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देने के बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन वे इस बारे में आगे चर्चा जारी रखेंगे। कांग्रेस नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि दोनों दल चर्चा करेंगे और इस बात पर सहमति बनाएंगे कि शिवसेना को समर्थन देने के लिए नीतियां और कार्यक्रम क्या होंगे। संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मल्लिकाजरुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल मौजूद थे।

कांग्रेस ने खारिज की आलोचना

महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मुख्यमंत्री पृवीराज चव्हाण ने राज्य में सरकार गठन के लिए शिवसेना को समर्थन देने के फैसले पर कांग्रेस की तरफ से की गई देरी को लेकर हो रही आलोचनाओं को मंगलवार को खारिज कर दिया। सरकार बनाने के लिए क्या कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने पर सहमत हुई थी, यह पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो उनकी पार्टी ने सोमवार को दिल्ली में इतनी लंबी चर्चाएं नहीं की होतीं।

खोज लेंगे सरकार बनाने का फॉर्मूला

Maharashtra

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर सरकार बनाने का रास्ता खोज लेंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना को भी कांग्रेस और एनसीपी की तरह न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि शिवसेना ने पहली बार कांग्रेस और एनसीपी से 11 नवम्बर को संपर्क किया था।

इतिहास में आज का दिन – 13 नवंबर

राज्यपाल ने संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया

कांग्रेस ने मंगलवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने के लिए उनकी आलोचना की और आरोप लगाया कि उन्होंने न्याय का हनन किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल पर एनसीपी, शिवसेना और बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बहुमत साबित करने के लिए मनमाने ढंग से समय देने का आरोप भी लगाया। सुरजेवाला ने कहा, ये बेईमानी से भरा हुआ और राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, राज्यपाल कोश्यारी ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करके लोकतांत्रिक न्याय का हनन किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है।

बीजेपी ने राष्ट्रपति शासन के लिए शिवसेना को ठहराया जिम्मेदार

Maharashtra

बीजेपी ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में 19 दिन के राजनीतिक गतिरोध के बाद राष्ट्रपति शासन लगने के लिए अपनी पूर्व सहयोगी एवं राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के ‘‘हठ’ को उसका नाम लिए बिना जिम्मेदार ठहराया। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने बीजेपी की कोर समिति की एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रपति शासन लगना जनादेश का अपमान है और यह कुछ लोगों के हठ के कारण हुआ है जिन्होंने उस जनादेश का अपमान किया। हम उभर रही राजनीतिक स्थिति पर नजदीकी नजर रखे हुए हैं।’’ मुनगंटीवार ने उद्धव ठाकरे नीत पार्टी द्वारा कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘एक स्पष्ट जनादेश के बावजूद हमने अपनी सहयोगी की तरह वैकल्पिक संभावनाएं नहीं तलाशीं, जिसने चुनाव परिणाम के बाद अन्य विकल्पों के बारे में बातें कीं।’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘यदि उन्हें सरकार बनाने को लेकर विास था, तो वे समर्थन का पत्र लेने में क्यों असफल रहे।’इस बीच बीजेपी विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने उम्मीद जताई कि राज्य में जल्द ही एक स्थिर सरकार बनेगी। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।

शिवसेना को समर्थन पर अभी तक कोई फैसला नहीं: एनसीपी-कांग्रेस

Maharashtra

कांग्रेस और एनसीपी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देने के बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन वे इस बारे में आगे चर्चा जारी रखेंगे। कांग्रेस नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि दोनों दल चर्चा करेंगे और इस बात पर सहमति बनाएंगे कि शिवसेना को समर्थन देने के लिए नीतियां और कार्यक्रम क्या होंगे। संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मल्लिकाजरुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल मौजूद थे। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मुद्दे पर एनसीपी के साथ आगे और चर्चा करने के लिए इन नेताओं को नियुक्त किया है। उन्होंने कहा, ‘‘‘‘हमने (कांग्रेस और एनसीपी नेताओं) यह सुनिश्चित करने के लिए कि सरकार का कामकाज आराम से चले, (संभावित) न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा की।’’ अहमद पटेल ने कहा कि शिवसेना ने समर्थन के लिए आधिकारिक रूप से सोमवार को कांग्रेस-एनसीपी से संपर्क किया। शिवसेना द्वारा महाराष्ट्र (Maharashtra) में गैर-बीजेपी सरकार बनाने की कोशिशों को उस समय झटका लगा, जब अंतिम समय में कांग्रेस ने कहा कि वह उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी को समर्थन देने के लिए एनसीपी के साथ और चर्चा करना चाहती है। इस बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की, जिसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस आशय के फैसले पर हस्ताक्षर कर दिए।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें