प्रकाश मेहरा अमिताभ बच्चन को बुलाते थे ‘लल्ला’, इन 5 फिल्मों ने चमका दिया उनका करियर

जंजीर की सफलता के बाद अमिताभ और प्रकाश मेहरा की सुपरहिट फिल्मों का कारवां काफी समय तक चला। इस दौरान लावारिस, मुकद्दर का सिकंदर, नमक हलाल, शराबी, हेराफेरी जैसी कई फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता का परचम लहराया।

prakash mehra, prakash mehra interview, prakash mehra nominations, prakash mehra net worth, om prakash mehra, babboo mehra, prakash jha, puneet mehra, zanjeer 1973, film director-pruducer prakash mehra, prakash mehra birthday, sirf sach, sirfsach.in

हिंदी फिल्मों के निर्माता और निर्देशक प्रकाश मेहरा। फाइल फोटो।

हिंदी फिल्मों के निर्माता और निर्देशक प्रकाश मेहरा का आज जन्मदिन है। इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में कुछ एक डायरेक्टर जिन्होंने अपने दम पर सिनेमा का कैनवास बदल डाला उनमें से प्रकाश मेहरा भी हैं। प्रकाश मेहरा का नाम उन चुनिंदा फिल्मकारों में शुमार होता है जिन्होंने अपनी मसाला फिल्मों से मनोरंजन फिल्मों को नई दिशा दी। भारतीय फिल्मों का एक दौर ऐसा था जब प्रकाश मेहरा और अमिताभ बच्चन की जोड़ी पर्दे पर सारे रिकॉर्ड तोड़ रही थी। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को पहचान दिलाने वाले प्रकाश मेहरा ही थे। जब अपनी फिल्म ‘जंजीर’ में अमिताभ बच्चन को लिया और बच्चन साहब बन गए एंग्री यंग मैन। हेराफेरी (1976), मुकद्दर का सिकन्दर (1978) , लावारिस (1981), नमक हलाल (1982), शराबी (1984) जैसी सफलतम फिल्में उन्हीं की देन हैं।

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में 13 जुलाई, 1939 को जन्मे प्रकाश मेहरा का बचपन पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में बीता। प्रकाश मेहरा ने 21 साल की उम्र में 1950 के दशक में प्रोडक्शन कंट्रोलर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने ‘उजाला’ (1959) और ‘प्रोफेसर’ (1962) जैसी फिल्मों में प्रोडक्शन कंट्रोलर के तौर पर कार्य किया। ‘हसीना मान जायेगी’ से बतौर निर्देशक उनके कैरियर की शुरुआत हुई। साल 1968 में उन्होंने शशि कपूर की फिल्म ‘हसीना मान जाएगी’ का निर्देशन किया जिसमें शशि कपूर ने दोहरी भूमिका निभाई थी। इसके बाद 1971 में उन्होंने ‘मेला’ का निर्देशन किया जिसमें फिरोज खान और संजय खान ने मुख्य भूमिका निभाई थी। साल 1972 में आई फिल्म ‘समाधि’ भी सफल रही। लेकिन नया मोड़ आया 1973 की फिल्म ‘जंजीर’ से।

‘जंजीर’ की कहानी सलमान खान के पिता सलीम खान ने लिखी थी और अभिनेता धर्मेंद्र को ढाई हजार रुपए में बेच भी दी थी। मगर धर्मेंद्र व्यस्त थे इसलिए उस पर फिल्म नहीं बना सके। बाद में सलीम से जावेद जुड़ गए। इस लेखक जोड़ी ने यह कहानी प्रकाश मेहरा को सुनाई। प्रकाश मेहरा ने देव आनंद, राज कुमार और धर्मेंद्र को फिल्म में लेना चाहा, मगर तीनों अलग-अलग कारणों से फिल्म नहीं कर सके। अंत में अमिताभ बच्चन इसके हीरो बने। मगर उनके फिल्म में आते ही मुमताज ने फिल्म छोड़ दी। सलीम ने किसी तरह जया भादुड़ी को मनाया। ‘जंजीर’ में इंस्पेक्टर विजय की भूमिका को ऐसी हिट हुई कि लगातार फ्लॉप देने वाले अमिताभ अपने समकालीन अभिनेताओं से कोसों आगे निकल गए। प्रकाश मेहरा अमिताभ को प्यार से ‘लल्ला’ कहकर बुलाते थे।

पढ़ें: राजकुमार को पुलिस स्टेशन में मिला था पहली फिल्म का ऑफर, अंदाज़ और डायलॉग्स ने बुलंदी पर पहुंचाया

जंजीर की सफलता के बाद अमिताभ और प्रकाश मेहरा की सुपरहिट फिल्मों का कारवां काफी समय तक चला। इस दौरान लावारिस, मुकद्दर का सिकंदर, नमक हलाल, शराबी, हेराफेरी जैसी कई फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता का परचम लहराया। प्रकाश मेहरा एक सफल फिल्मकार के अलावा गीतकार भी थे और उन्होंने अपनी कई फिल्मों के लिए सुपरहिट गीतों की रचना की थी। इन गीतों में ‘ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना…, लोग कहते हैं मैं शराबी हूं….., जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों……, जवान जानेमन हसीन दिलरूबा……, जहां चार यार मिल जाए वहां रात हो गुलजार……., इंतहा हो गयी इंतजार की……, दिल तो है दिल, दिल का ऐतबार क्या कीजे….., दिलजलों का दिल जला के क्या मिलेगा दिलरुबा……., दे दे प्यार दे….., इस दिल में क्या रखा है….., अपनी तो जैसे तैसे कट जाएगी….., रोते हुए आते है सब हंसता हुआ जो जाएगा.. आदि शामिल हैं।

प्रकाश मेहरा ने अपने सिने करियर में 22 फिल्मों का निर्देशन और 10 फिल्मों का निर्माण किया। वर्ष 2001 में प्रदर्शित फिल्म ‘मुझे मेरी बीबी से बचाओ’ प्रकाश मेहरा के सिने करियर की अंतिम फिल्म साबित हुई। यह फिल्म टिकट खिड़की पर बुरी तरह से नकार दी गई। प्रकाश मेहरा अपनी जिंदगी के अंतिम पलों में अमिताभ को लेकर गाली नामक एक फिल्म बनाना चाह रहे थे। लेकिन उनका यह सपना अधूरा ही रहा और अपनी फिल्म के जरिये दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करने वाले प्रकाश मेहरा 17 मई, 2009 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।

अच्छी खबर! पिछले 5 साल में टूटी नक्सलवाद की कमर, जरूरी है मगर चौकसी

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें