बड़ी सफलता! सरेंडर करने वाले नक्सली ने नक्शा बनाकर बताया- कहां छिपाए हैं IED

एक बड़े नक्सली (Naxali) के पकड़ जाने के बाद अब पुलिस (Police) को बड़ी कामयाबी लगी है। दरअसल, इस दुर्दांत नक्सली ने खुद अपने हाथ से नक्शा बनाकर पुलिस को बताया कि नक्सलियों ने कहां-कहां जंगलों में IED छिपाया है।

Naxali Commander

सांकेतिक तस्वीर।

बीते गुरुवार (28 मई) को प्रदीप उर्फ भीमा कुंजाम नाम के एक कुख्यात नक्सली (Naxali) ने पुलिस के सामने सरेंडर किया था। इस नक्सली के सिर पर 8 लाख रुपए का इनाम पहले से ही घोषित था। सुरक्षा बल इस नक्सली को पकड़ने के बेहद करीब पहुंच चुके थे लेकिन अपनी जान बचाने की खातिर उसने पुलिस के सामने घुटने टेक दिये।

एक बड़े नक्सली (Naxali) के पकड़ जाने के बाद अब पुलिस (Police) को बड़ी कामयाबी लगी है। दरअसल, इस दुर्दांत नक्सली ने खुद अपने हाथ से नक्शा बनाकर पुलिस को बताया कि नक्सलियों ने कहां-कहां जंगलों में IED छिपाया है। सरेंडर करने वाले नक्सली ने पुलिस को नक्शा बनाकर बताया कि दंतेवाड़ा के बुरगुम, पोटाली में नक्सली बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में हैं।

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पुलिस ने पहले तो नक्शे के जरिए नक्सलियों (Naxals) की रणनीति को समझा, फिर सरेंडर नक्सली को अपने साथ पोटाली इलाके लेकर गई व हर एक जगह को बारीकी से देखा। सड़क से लेकर जंगल तक झाड़ियों के बीच पुलिस पार्टी व कट ऑफ पार्टी को किस तरह से क्षति पहुंचाना है, इसकी तैयारी की गई थी।

करीब 5 महीने पहले इस इलाके से छोटा देवा की गिरफ्तारी हुई थी। इसके पास से पुलिस को नक्शा बरामद हुआ था, जिसमें कलेक्टर व एसपी की गाड़ी को पोटाली इलाके में आने पर उड़ाने की तैयारी थी। प्रदीप ने बताया कि यह प्लानिंग जनमिलिशिया कमांडर नंदकुमार ने की थी व नक्शा उसी ने बनाया था।

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पता चला है कि प्रदीप नक्सलियों (Naxalites) के लिए रेडिया, वायरलेस, मोबाइल इत्यादि तकनीकि चीजों की देखरेख करता था और उसे इन सब के बारे में गहरी जानकारी भी है। पुलिस का यहां कहना है कि प्रदीप से पूछताछ में अभी कई अहम बातों का खुलासा होना बाकी है। प्रदीप से मिली जानकारियां आने वाले दिनों में काफी फायदेमंद साबित होने वाली हैं।

आपको बता दें कि संगठन (Naxal Organization) में शामिल होने के बाद प्रदीप 2011 को किरंदुल में विस्फोट, 2012 को माडेंदा नाला के पास एंटी लैंड माइंस व्हीकल को उड़ाने, सीआईएसएफ की वाहन को उड़ाने, बुर्कापाल हमला जैसी कई घटनाओं में शामिल रहा है। गणेश उइके, चैतू जैसे नक्सलियों के साथ काम कर चुका है।

आत्मसमर्पण करने के बाद प्रदीप ने खुलासा किया है कि नक्सली जंगलों में अब घबरा गए हैं। उनकी कमर टूट चुकी है और कई अन्य बड़े नक्सली (Naxali)  भी सरेंडर करना चाहते हैं।

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