Parliament Attack: संसद पर हुए आतंकी हमले की 19वीं बरसी आज, जानें क्या हुआ था उस दिन

चारों तरफ केवल गोलियां चल रही थीं। संसद एक युद्ध का मैदान बन गई थी। इसी बीच एक आतंकी ने संसद भवन के गेट पर खुद को उड़ा दिया।

Parliament Attack

चारों तरफ केवल गोलियां चल रही थीं। संसद (Parliament Attack) एक युद्ध का मैदान बन गई थी। इसी बीच एक आतंकी ने संसद भवन के गेट पर खुद को उड़ा दिया। इसके बाद तो माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया। हालांकि सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराया था।

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में 13 दिसंबर 2001 को संसद पर आतंकी हमला (Parliament Attack) हुआ था। आज इस आतंकी हमले की 19वीं बरसी है। कड़ी सुरक्षा और सुरक्षाबलों के पहरे के बावजूद आतंकी, संसद परिसर तक पहुंच गए थे। इस दौरान संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था और संसद के दोनों सदन कुछ देर के लिए स्थगित किए गए थे।

वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 100 अन्य लोग संसद भवन में मौजूद थे और अटल बिहारी वाजपेयी, सोनिया गांधी जैसे कई नेता संसद से जा चुके थे। तभी अचानक संसद में अफरा-तफरी का माहौल हो गया।

पूरा वाकया कुछ इस तरह है कि हमले की सुबह ही एक सफेद रंग की एम्बेसडर कार ( DL-3 CJ 1527) स्पीड से आई और उसने उपराष्ट्रपति की कार को टक्कर मार दी। इसके बाद उपराष्ट्रपति की कार के ड्राइवर ने आतंकियों की गाड़ी चला रहे ड्राइवर का कॉलर पकड़ लिया। इसके बाद उपराष्ट्रपति का ड्राइवर आतंकियों की बंदूक देखकर पीछे हट गया और वहां मौजूद ASI ने आतंकियों पर रिवाल्वर तान दी। इसके बाद गोलियों की बौछार शुरू हो गई।

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चारों तरफ केवल गोलियां चल रही थीं। संसद (Parliament Attack) एक युद्ध का मैदान बन गई थी। इसी बीच एक आतंकी ने संसद भवन के गेट पर खुद को उड़ा दिया। इसके बाद तो माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया। हालांकि सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराया था।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस हमले में 5 आतंकी मारे गए थे। इन आतंकियों में हमजा, हैदर उर्फ तुफैल, राना, रनविजय और मोहम्मद शामिल थे। भारतीय कोर्ट के मुताबिक, इस हमले में मौलाना मसूद अजहर, गाजी बाबा उर्फ अबू जेहादी और तारिक अहमद का भी हाथ था।

इस आतंकी हमले में पाक खुफिया एजेंसी ISI और मोहम्मद अफजल गुरु, शौकत हुसैन (अफजल गुरु का चचेरा भाई) एस ए आर गिलानी शामिल थे।

संसद पर हमला के इन मास्टरमाइंडों को मौत की सजा सुनाई गई थी। जिसमें अफजल गुरू को 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी।

संसद पर हुए इस हमले में 5 आतंकियों समेत कुल 14 लोगों की मौत हुए थी। इसमें दिल्ली पुलिस के 6 जवान और संसद भवन की सुरक्षा सेवा के 2 कर्मचारी और एक माली की मौत हुई थी।

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