हजारों एक्टिव अफगानी सिम ने खोली पाक की पोल, तालिबान की मदद कर लौटे पाक आतंकी कश्मीर पर हमले के लिए पीओके में मौजूद- खुफिया रिपोर्ट

आईएसआई ने अपनी साइबर प्रोपोगेंडा टीम को खास तौर से अफगान में तालिबान के सहयोग के लिए तैयार की थी। जिसने ही तालिबान की जीत की पूरी पृष्ठभूमि तैयार की थी, अब उसी टीम को घाटी के लोगों को भड़काने के लिए लगा दिया है।

Jammu Kashmir Terrorists

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अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के लिए पाकिस्तान समर्थित जिन आतंकियों (Terrorists) ने मदद की थी, उनमें से अधिकांश अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद हैं। ये सभी आईएसआई के आतंकी शिविरों में रह रहे हैं और पाक के इशारे पर जम्मू कश्मीर पर हमले की फिराक में हैं।

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भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार‚ तालिबान को काबुल में काबिज कराकर लौटे लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर अबु मुनाजिल को आईएसआई ने जम्मू–कश्मीर के बारी ब्राह्मणा और साम्बा सेक्टर के बीच मौजूद कुछ संवेदनशील संस्थानों को बम से उड़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है।

खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पीओके में अभी करीब तीन हजार से ज्यादा अफगानी सिम कार्ड सक्रिय हैं। ऐसा माना जा रहा है कि तालिबान भी पाकिस्तानी मदद के बदले जम्मू कश्मीर में हमले कराकर उसका एहसान चुकाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए आईएसआई और तालिबान ने मिलकर अफगान जीत वाली रणनीति अपनाई है।

सरकार को सौंपे गये अति संवेदनशील रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके में आईएसआई के अधिकारी‚ साइबर प्रोपोगेंडा यूनिट‚ तालिबान‚ लश्कर-ए-तैयबा और जैश-–ए-मोहम्मद के आतंकी अफगानी सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं।

जहां एक तरह आईएसआई की साइबर प्रोपोगेंडा टीम बड़े पैमाने पर अफवाह फैलाकर घाटी में हिंसा फैलाने और नए आतंकियों (Terrorists) की भर्ती के प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी तरफ सर्दियों में बर्फबारी के आड़ में जम्मू कश्मीर में बड़े पैमाने पर घुसपैठ कर आतंकी हमले को अंजाम देने की भी तैयारी पूरी कर ली है।

सूत्रों के अनुसार, अफगान जीत में अहम भूमिका निभाने वाला लश्कर का  सीनियर कमांडर अबु मुनाजिल का अगला टारगेट जम्मू–कश्मीर के बारी ब्राह्मणा और साम्बा सेक्टर है। जहां पर आईएसआई ने उसे कुछ संवेदनशील ठिकानों को आईईडी धमाके से उड़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है। आतंकियों (Terrorists) के टारगेट पर जम्मू–कश्मीर के बड़े मंदिर‚ गुरु द्वारा और हिंदू नेता व कारोबारी हैं।

पीओके में मौजूद आईएसआई ने अपनी ये साइबर प्रोपोगेंडा टीम को खास तौर से अफगान में तालिबान के सहयोग के लिए तैयार की थी। जिसने ही अफगान पर तालिबान की जीत की पूरी पृष्ठभूमि तैयार की थी, अब उसी टीम को आईएसआई ने घाटी के लोगों को भड़काने के लिए लगा दिया है। जिसकी झलक पिछले कुछ दिनों में घाटी में आतंकी घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोतरी के तौर पर देखने को मिली है।

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