पाकिस्तान की बढ़ी मुश्किलें, नहीं आ पाएगा FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर

पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आ पाएगा। आतंकवाद का पालन-पोषण करने वाले पाकिस्तान के सभी पैंतरे फेल हो गए हैं।

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पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आ पाएगा।

पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आ पाएगा। आतंकवाद का पालन-पोषण करने वाले पाकिस्तान के सभी पैंतरे फेल हो गए हैं। सूत्रों ने बताया है कि एफएटीएफ के उपसमूह ने आतंकवाद की वित्तीय मदद रोकने में विफल रहने पर पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बने रहने देने की सिफारिश की है। हालांकि अंतिम निर्णय 21 फरवरी को होगा।

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FATF के ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आ पाएगा पाकिस्तान ।

पेरिस में चल रही एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान से धनशोधन और आतंक वित्तपोषण के दोषियों को कठघरे में लाने के लिए कानूनों को और कड़े करने की मांग की है। आतंकवादियों को आर्थिक मदद रोकने की दिशा में काम करने वाली संस्था एफएटीएफ की बैठक पेरिस में 16 फरवरी से शुरू हुई और यह 21 फरवरी तक चलेगी। हालांकि पाकिस्तान को उम्मीद थी कि वो इस बार FATF की ग्रे सूची से बाहर निकल जाएगा।

कानूनों को और सख्त बनाना चाहिए- FATF

टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंतर्राष्ट्रीय वॉचडॉग FATF ने पाकिस्तान को 27 सूत्री वर्कप्लान दे रखा है। इसके तहत पाकिस्तान को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने की दिशा में सख्त कदम उठाने हैं। पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि 14 बिन्दुओं पर अमल हो चुका है। 11 और बिन्दुओं पर भी आंशिक तौर पर कार्रवाई हुई है। कम से कम दो बिन्दु ऐसे हैं जिन पर अमल संभव नहीं है। उधर, FATF ने कहा है कि पाकिस्तान को अपने कानूनों को और सख्त बनाना चाहिए। साथ ही टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए जो संगठन या व्यक्ति जिम्मेदार हैं, उन्हें कानूनी उपायों से अंजाम तक पहुंचाना चाहिए।

हाफिज सईद को दी गई सजा है पाकिस्तान की इकलौती उम्मीद

पाकिस्तान ने FATF को प्रभावित करने के इरादे से अपने बचाव में जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद से जुड़े मामले का भी हवाला दिया है। पाक की इकलौती उम्मीद मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज मोहम्मद सईद को हाल में दी गई 11 साल की सजा से ही है। हाफिज को टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के दो मामलों में साढ़े पांच-साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई है। दोनों सजाएं साथ चलेंगी। दरअसल, पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकवाद की फंडिंग रोकने के कितने सबूत एफएटीएफ को दिए हैं, उस पर संदेह है।

तुर्की और मलेशिया ने किया पाकिस्तान का समर्थन

सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान आगे भी ग्रे लिस्ट में बना रह सकता है। पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि अगर एफएटीएफ पाकिस्तानी सबूतों से संतुष्ट नहीं हुआ तो उसे आखिर में ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने में तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान को समर्थन दिया, पर नाकाम रहे।

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