पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडी की रिपोर्ट, साल 2020 में Pak में आतंक की जड़ें हुईं और मजबूत

साल 2020 में पाकिस्तान (Pakistan) में आतंक (Terrorism) की जड़ें और मजबूत हुईं हैं। यहां पाकिस्तानी तालिबान और उसके दलों ने अपने वर्चस्व को बढ़ाया है। सरकार का नेशनल प्लान भी कारगर साबित नहीं हो सका।

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फाइल फोटो।

बीते साल में पाकिस्तान (Pakistan) में प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान (TTP) ने लगातार कई हमले किए। इस संगठन ने पाकिस्तान में 67 आतंकी हमले किए हैं।

साल 2020 में पाकिस्तान (Pakistan) में आतंक (Terrorism) की जड़ें और मजबूत हुईं हैं। यहां पाकिस्तानी तालिबान और उसके दलों ने अपने वर्चस्व को बढ़ाया है। सरकार का नेशनल प्लान भी कारगर साबित नहीं हो सका। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में विभिन्न आतंकी संगठनों और कट्टरपंथियों ने पाकिस्तान में 146 आतंकी हमले (Terrorist Attack) किए। इनमें तीन आत्मघाती विस्फोट भी किए गए। बीते साल में पाकिस्तान (Pakistan) में प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान (TTP) ने लगातार कई हमले किए। इस संगठन ने पाकिस्तान में 67 आतंकी हमले किए हैं। यह आतंकी हिंसा का लगभग 46 फीसद है।

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इतना ही नहीं, टीटीपी ने ताकत बढ़ाते हुए अन्य आतंकी संगठनों को भी अपनी गतिविधियों में शामिल किया है। इसमें धर्म के नाम पर आतंक फैलाने वाले संगठन भी शामिल हैं। इन्हीं संगठनों ने क्वेटा और पेशावर में दो बड़े आतंकी हमले किए थे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान के नेशनल प्लान को आंशिक सफलता ही हासिल हुई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यही कारण है कि पाकिस्तान फाइनेंसियल टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकल पाया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कट्टरपंथी अल्लामा खादिम रिजवी की अंत्येष्टि के बाद जिस तरह से अल्पसंख्यकों पर हमले हुए और पूजा स्थलों को क्षतिग्रस्त किया गया, उससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान (Pakistan) की छवि खराब हुई।

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इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सबसे ज्यादा 79 आतंकवादी हमले हुए। बलूचिस्तान में 95 लोग आतंकियों के हाथों मारे गए। यहां पर 32 आतंकी हमले हुए। सिंध प्रांत में 18 हमले किए गए। अकेले कराची में 15 आतंकी वारदातें हुईं। यही कारण है कि अक्टूबर में एफएटीएफ (FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने का फैसला किया।

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इस एजेंसी ने पाकिस्तान में कानून व्यवस्था देखने और जांच करने वाली एजेंसियों की टेरर फंडिंग में ढिलाई पर भी सवाल उठाए। बता दें कि साल 2018 से पाकिस्तान (Pakistan) इस सूची में शामिल है। वह लगातार कोशिश करता है कि इस लिस्ट से बार आ जाए, लेकिन हर बार वह FATF की शर्तों को पूरा करने में नाकाम रहता है।

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