दुनिया की आंखों में धूल झोंक रहा पाक, लश्कर-ए-तैय्यबा पर एक्शन लेने के बजाय बदल दिया संगठन का नाम

पाकिस्तान (Pakistan) ने अपनी इस चाल के जरिए एक साथ दो निशाने साधने की कोशिश की है। पहली यह कि वह दुनिया को बताना चाहता है कि उसने आतंकी संगठन लश्कर पर एक्शन ले लिया है, दूसरा वह नए नामकरण के जरिए जैश-ए-मोहम्मद और अलवर जैसे आतंकी संगठनों को भी एक छतरी के नीचे लाना चाहता है।

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भारत की कूटनीति के कारण इंटरनेशनल फकीर बने पाकिस्तान (Pakistan) ने अब नई चाल चली है। उसने आतंकी संगठन लश्कर का नाम बदलकर उसका अंग्रेजी नामकरण ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ कर दिया है। पाकिस्तान (Pakistan) ने अपनी इस चाल के जरिए एक साथ दो निशाने साधने की कोशिश की है। पहली यह कि वह दुनिया को बताना चाहता है कि उसने आतंकी संगठन लश्कर पर एक्शन ले लिया है, इसलिए उसे आर्थिक मदद दी जाए। दूसरा वह नए नामकरण के जरिए जैश-ए-मोहम्मद और अलवर जैसे आतंकी संगठनों को भी एक छतरी के नीचे लाना चाहता है।

सूत्रों के अनुसार, हिजबुल ने अपने कमांडर रियाज नायकू की मौत के बाद लश्कर के साथ एक झंडे के बैनर तले काम करने का विरोध किया है, लेकिन पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने सबको साथ मिलकर काम करने को कहा है। सूत्रों के अनुसार, आतंकियों को जहन्नुम भेजने के भारतीय सेना को मिले फरमान से आईएसआई घबरा गई है और उसने अलकायदा की कश्मीर में फ्रंट शाखा गजवा-तुल-हिंद से भी एक छतरी के नीचे काम करने को कहा है।

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सूत्रों के अनुसार आईएसआई (ISI) ने न आतंकी संगठनों से छोटे छोटे हमले करने को कहा है। आतंकी संगठन अलवर से इसमें शामिल होने के लिए कहा गया है। सूत्रों के मुताबीक, ऐसा लगता है कि भारत के खिलाफ आतंकी हमले कराने के लिए आईएसआई ने एक नई रणनीति बनाई है। आतंकी संगठन टीआरएफ, जो लश्कर-ए-तय्यबा का सदस्य है, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद से भी जुड़ा हुआ है।

विभिन्न रिपोर्टो का दावा है कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के उन्मूलन के बाद पाकिस्तान (Pakistan) ने घाटी में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय दबाव का उसे सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उसने एफएटीएफ से खुद को ब्लैकमेल होने से बचाने के लिए एक नई पहचान के साथ विश्व की आंखों में धूल झोंकने के लिए एक नया आतंकी समूह क्या है।

सूत्रों के अनुसार, रेजिस्टेंस (प्रतिरोध) शब्द का इस्तेमाल पाकिस्तान (Pakistan) और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) द्वारा भारत के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन करने के लिए एक नई रणनीति बनाने के लिए किया गया है। पाकिस्तान कश्मीरी आतंकवाद को कश्मीरियों द्वारा प्रतिरोध आंदोलन के रूप में पेश करना चाहता है ताकि विश्व को लगे कि कश्मीरी भारत से परेशान है।

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