Lieutenant General BS Raju
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा ड्रोन और सुरंगों से हथियार और ड्रग्स भेजने को रोकना एक बड़ी चुनौती है। पाकिस्तान हर तरह से कश्मीर में अस्थिरता फैलाना चाहता है।
श्रीनगर: पाकिस्तान, कश्मीर में माहौल खराब करने की लगातार कोशिश कर रहा है। इस मुद्दे पर चिनार कॉर्प के जनरल ऑफीसर कमांडर (GOC) लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू का बयान सामने आया है।
उन्होंने रविवार को कहा कि पाकिस्तान (Pakistan), कश्मीर के युवाओं को आतंकी बनने के लिए उकसा रहा है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश के आतंकी लगातार सुरक्षाबलों और आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं , उनकी साजिश ये है कि भीड़भाड़ वाले इलाके में सेना उन्हें जवाब दे, जिससे आम नागरिकों को भी नुकसान पहुंचे। ऐसा करके वे सेना के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) सोशल मीडिया का प्रयोग करके गलत जानकारियां फैला रहा है और नई भर्ती कर रहा है। आतंकी, ग्राउंड वर्कर्स को ग्रेनेड फेंकने और पिस्टल से फायर करने के लिए भड़का रहे हैं। हालांकि लोग पाकिस्तानियों की इस करतूत के बारे में जागरुक हैं।
उन्होंने कहा कि 2018 की तुलना में 2020 में आतंकियों द्वारा की जाने वाली भर्ती पर लगाम लगाई गई है। इस समय घाटी में 217 आतंकी हैं, जोकि बीते दशक में बहुत कम हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और सुरंगों से हथियार और ड्रग्स भेजने को रोकना एक बड़ी चुनौती है। पाकिस्तान हर तरह से कश्मीर में अस्थिरता फैलाना चाहता है। हम भी उनकी हर साजिश को नाकाम कर रहे हैं। ड्रोन्स को रोकने के लिए हम एडवांस सर्विलांस डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसके अलावा सेना और बीएसएफ ने कई सुरंगों का पता लगाया है। हम उन्हें ढूंढने के लिए कई तकनीकों का प्रयोग कर रहे हैं। इसमें ग्राउंड पीनीट्रेटिंग रडार भी है। उन्होंने कहा कि वे स्थानीय लोगों से अपील करते हैं कि वे अलर्ट रहें।
उन्होंने कहा कि वे युवाओं को संदेश देना चाहते हैं कि अगर आप आतंक के रास्ते से वापस आते हैं तो हम आपकी मदद कर सकते हैं। हमने इस संदेश को हर जगह सर्कुलेट करवाया है। बीते 6 महीने में इनमें से 17 युवा वापस लौटे हैं, हम उनकी मदद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम सरकार के साथ एक व्यवस्थित सरेंडर पॉलिसी पर काम कर रहे हैं। मेरी युवाओं से अपील है कि वो वापस आ जाएं। वे कभी भी वापस आ सकते हैं। ऑपरेशन के दौरान भी वह वापसी कर सकते हैं। वे किसी को भी मदद के लिए बुला सकते हैं, उनके परिजन, हेल्पलाइन या कोई भी। हम उनकी वापसी की पूरी व्यवस्था करेंगे।
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