एक समय में पीर पंजाल रेंज (Pir Panjal Range) रूट आतंकियों को कश्मीर (Kashmir) घाटी में घुसपैठ कराने का जरिया था। साल 2004 में यहां मुठभेड़ हुई थी। इसके बाद से इस इलाके में कभी आतंकी मूवमेंट नहीं देखी गई।
पाकिस्तान (Pakistan) कश्मीर घाटी (Kashmir) में अशांति फैलाने के लिए अब नई साजिश रच रहा है। 13 दिसंबर को पुंछ जिले में पीर पंजाल पर्वत शृंखला (Pir Panjal Range) में 16 साल बाद आतंकियों (Terrorists) के साथ सुरक्षाबलों की हुई मुठभेड़ (Encounter) इस बात की गवाह है कि पाकिस्तान घुसपैठ के पुराने रूटों को सक्रिय कर रहा है।
एक समय में यह रूट आतंकियों को कश्मीर (Kashmir) घाटी में घुसपैठ कराने का जरिया था। साल 2004 में यहां मुठभेड़ हुई थी। इसके बाद से पीर पंजाल रेंज (Pir Panjal Range) में कभी आतंकी मूवमेंट नहीं देखी गई। लेकिन अनुच्छेद 370 हटने के बाद से एलओसी (LoC) पर लगातार गोलाबारी की घटनाएं हो रही हैं। इसी की आड़ में आतंकी घुसपैठ, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी की कोशिशें की जा रही हैं।
जानकारी के अनुसार, पीर पंजाल रेंज में हुई मुठभेड़ में मारे गए लश्कर के आतंकियों ने कुछ दिन पहले ही घुसपैठ की थी। इस दौरान एलओसी (LoC) पर भारी गोलाबारी भी हुई। माना जा रहा है कि गोलाबारी की आड़ में घुसपैठ की गई है, लेकिन सीमाई इलाकों में सुरक्षा ग्रिड की मजबूती की वजह से आतंकियों की मौजूदगी का पता लगा लिया गया।
बता दें कि लश्कर के तीन आतंकियों की पोशाना में होने का इनपुट एक गुमशुदगी मामले की जांच से मिला। सूत्रों के अनुसार, डोगरेयां का रहने वाला एक नागरिक तालिब हुसैन 9 दिसंबर को लापता हो गया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि तालिब नदी किनारे से बजरी लेने गया और लौट कर नहीं आया। तालिब को ढूंढने के लिए जब टीमों को लगाया गया तो इलाके में संदिग्ध होने के इनपुट भी मिले।
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इसी जांच के आगे बढ़ने पर आतंकियों की मौजूदगी का पता चल गया। हालांकि, पुलिस की ओर से अभी तक इस तरह की कोई बात नहीं कही गई है। सुरक्षा एजेंसियां अब इसकी जांच में जुट गई हैं कि एलओसी (LoC) से घुसपैठ करने के बाद आतंकी डोगरेयां से पोशाना तक कैसे पहुंच गए।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान जिन इलाकों में भारी गोलाबारी कर रहा है, उसके आसपास वाले इलाकों में आईएसआई स्थानीय स्लीपर सेल तैयार करने में लगी है। गोलाबारी के लिए उन्हीं इलाकों का चुना गया है, जहां से पहले घुसपैठ होती रही है। घुसपैठ के इन पुराने रूटों में बालाकोट, मनकोट, करमाड़ा, कृष्णाघाटी, कीरनी, कस्बा और शाहपुर शामिल हैं।
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इन इलाकों में गोला बारूद भी बरामद होता रहा है। वहीं, पुंछ और आसपास के इलाकों में घुसपैठ समेत संदिग्ध गतिविधियों को लेकर पहले से अलर्ट जारी किया गया है। हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है। साथ ही संवेदनशील इलाकों को खंगाला जा रहा है।
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