जम्मू-कश्मीर: भारतीय सुरक्षाबलों की मुस्तैदी से पाक का हौसला पस्त, आतंकियों की भर्ती के लिए ले रहा सोशल मीडिया का सहारा

पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों (Terrorists) के आकाओं को इस बात का डर सता रहा है कि फोन या सैटेलाइट का इस्तेमाल सुरक्षित नहीं है। ऐसे में सोशल मीडिया पर अलग-अलग नाम से अकाउंट बनाए गए हैं जिन पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर है।

Terrorists

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भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा आतंकवादियों (Terrorists) को चुन-चुन कर जहन्नुम भेजने के कारण पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) सकपका गई है। उसके नुमाइंदे सुरक्षाबलों के डर से आतंकी संगठन छोड़ जिहाद से तौबा कर रहे है। लिहाजा आईएसआई सोशल मीडिया के 250 से ज्यादा प्लेटफॉर्म के जरिये जम्मू–कश्मीर में आतंक और युवाओं को गुमराह करने की फिराक में है।

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भारतीय खुफिया एजेंसियों और काउंटर टेरर एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन डिपार्टमेंट ने गृह मंत्रालय को इस बाबत रिपोर्ट सौंपी है। सोशल मीडिया के कई हैंडलर्स पाक अधिकृत कश्मीर और दूसरे देशों में बैठकर आईएसआई (ISI) के इशारे पर जिहाद और सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए युवाओं को उकसाने में जुटे हैं।

खुफिया विभाग ने कहा है कि कश्मीर में हमले के लिए आतंकी सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे हैं। अलग–अलग नाम से बने अकाउंट के जरिए जम्मू-कश्मीर में मौजूद आतंकवादियों (Terrorists) को हमले का आदेश दे रहे हैं। खुफिया एजेंसियों ने करीब 250 ऐसे अकाउंट्स को चिह्नित किया है जो इंस्टाग्राम‚ फेसबुक और ट्विटर पर एक्टिव हैं।

सोशल मीडिया पर एक ऐसे ही अकाउंट के जरिये पिछले दिनों सुरक्षा एजेंसियों के कैम्प और पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड हमले के साथ-साथ ‘लोन वुल्फ अटैक’ करने के लगातार आदेश दिए गए। खुफिया एजेंसियों ने जिन अकाउंट्स की पहचान की है‚ उनको पाकिस्तान से कंट्रोल किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि आईएसआई आतंकवादियों (Terrorists) को हमले का टॉरगेट देने के लिए ऐसे अकाउंट्स का सहारा ले रही है।

जिस तरीके से सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू–कश्मीर में पाकिस्तान से मिलने वाले हवाला की फंडिंग और सीमापार से घुसपैठ को काफी कम कर दिया है‚ उससे आतंकी संगठनों में बौखलाहट है। पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों (Terrorists) के आकाओं को इस बात का डर सता रहा है कि फोन या सैटेलाइट का इस्तेमाल सुरक्षित नहीं है। ऐसे में सोशल मीडिया पर अलग-अलग नाम से अकाउंट बनाए गए हैं जिन पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर है।

दरअसल कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने नया पैंतरा अपनाया है। वो एक बार फिर सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए कश्मीरी युवाओं को भड़काने की कोशिश में है। इस बार आईएसआई का ध्यान सिर्फ ‘लोन वुल्फ अटैक’ यानी युवाओं को आत्मघाती हमले के लिए भड़काने पर है। पिछले तीन महीनों में फेसबुक‚ ट्विटर और इंस्टाग्राम पर करीब 100 ऐसे हैंडलर्स की पहचान की गई है‚ जो नए तरीके से युवाओं को घाटी में भड़काने का काम कर रहे हैं। इन सोशल मीडिया हैंडल्स पर वीडियो पोस्ट किए जाते हैं या फिर युवाओं को भड़काने वाली बातें की जाती हैं।

सूत्रों के मुताबिक‚ आईएसआई (ISI) इस पूरे प्लान को अंजाम दे रहा है। यह सोशल मीडिया अकाउंट आईएसआई की आईटी सेल ने तैयार किए हैं‚ जिनकी संख्या और भी ज्यादा हो सकती है।

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