रिपोर्ट: ओमिक्रॉन के ‘एयरबोर्न’ की पुष्टि से दुनिया में हड़कंप, वैक्सीनेशन के बावजूद लोगों में फैल रहा संक्रमण

सिर्फ 4 दिन में इस वैरिएंट ने 5 राज्यों में पैर पसार लिये हैं। सबसे पहले कर्नाटक, फिर गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली होते हुए राजस्थान तक पहुंच गया है।

Omicron

दुनिया में कोरोना के नये वैरियेंट ओमिक्रॉन (Omicron) की दहशत के बीच हांगकांग से एक नई खबर आ रही है। हांगकांग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट हवा से फैल रहा है और लोगों को संक्रमित कर रहा है।

अब पाकिस्तान की कायराना हरकतों पर लगेगा पूर्ण विराम! एंटी ड्रोन तकनीक बनने जा रहा है भारत का अचूक हथियार

इमर्जिंग इंफेक्शियस डिजीज जरनल में छपी स्टडी के मुताबिक हांगकांग के एक होटल में आमने-सामने के कमरों में क्वारंटीन रहने के बावजूद दो पर्यटक ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron) वाले वायरस से संक्रमित हो गए। जिसके बाद विशेषज्ञों ने हवा से संक्रमण फैलने की पुष्टि की।

हांगकांग में पहला मरीज 13 नवंबर को पॉजिटिव मिला। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन उसमें कोई लक्षण नहीं थे। उसी होटल में ठहरा दूसरा मरीज 17 नवंबर को पॉजिटिव हुआ। दोनों संक्रमित कोविड टीके की दोनों खुराक ले चुके थे।

हांगकांग की इस रिपोर्ट के अनुसार, होटल में लगे सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल से यह पता चला कि न तो दोनों मरीजों ने अपना कमरा छोड़ा और न ही किसी से कोई संपर्क किया। सिर्फ खाना लेने और कोविड़ जांच के लिए ही अलग-अलग समय पर उनके कमरों के दरवाजे खुले थे। जिसके बाद यह यकीन हो गया कि होटल के कॉरिडोर में एयरबोर्न ट्रांसमिशन की वजह से ही वायरस फैला।

ऐसे में इस रिपोर्ट के जरिए ओमिक्रॉन (Omicron) के हवा से फैलने की पुष्टि हो गई, जिसने दुनिया के तमाम देशों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। क्योंकि वैज्ञानिकों ने पहले ही ओमिक्रॉन के डेल्टा से तीन गुना ज्यादा संक्रामक होने की आशंका जताई है। ऐसे में अब एयरबोर्न ट्रांसमिशन की पुष्टि ने ओमिक्रॉन को और ज्यादा घातक बना दिया है।

ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron) के डर को भारत में भी महसूस किया जा सकता है क्योंकि सिर्फ 4 दिन में इस वैरिएंट ने 5 राज्यों में पैर पसार लिये हैं। सबसे पहले कर्नाटक, फिर गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली होते हुए राजस्थान तक पहुंच गया है। ऐसे में इस स्टडी के बाद भारतीय वैज्ञानिकों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर एचएस रेड्डी के मुताबिक, अभी तक भारत में मैन-टू-मैन एयर के जरिए एक भी संक्रमित मामलों की पुष्टि नहीं हुई है। हमें इस संभावना को भी कोविड-19 प्रोटोकॉल में शामिल करने की जरूरत है। जिससे कि लोग समय रहते सुरक्षा संबंधी एहतियाती कदम उठा सकें।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें