NIA ने फरार भाकपा माओवादी की पत्नी को पकड़ा, नक्सली का पैसा इन्वेस्ट कराने का आरोप

NIA ने बीते शुक्रवार (18-10-2019) को भाकपा माओवादी के कमांडर छोटू खेरवार की पत्नी ललिता देवी को गिरफ्तार कर लिया है। ललिता देवी को झारखंड के लातेहार जिले से पकड़ा गया है।

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NIA ने बीते शुक्रवार (18-10-2019) को भाकपा माओवादी के कमांडर छोटू खेरवार की पत्नी ललिता देवी को गिरफ्तार कर लिया है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी कामयाबी मिली है। माओवादियों के खिलाफ जांच एजेंसी की यह कामयाबी काफी अहम मानी जा रही है। दरअसल, NIA ने बीते शुक्रवार (18-10-2019) को भाकपा माओवादी के कमांडर छोटू खेरवार की पत्नी ललिता देवी को गिरफ्तार कर लिया है। ललिता देवी को झारखंड के लातेहार जिले से पकड़ा गया है।

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सांकेतिक तस्वीर

नक्सलियों का पैसा निवेश कराने के मामले में ललिता कई महीनों से फरार थी। NIA ने उसके खिलाफ 19 जनवरी 2018 को मुकदमा आरसी 01/2018 दर्ज किया था। उसी साल दो जुलाई को उसे वांटेड घोषित किया था। मिली जानकारी के अनुसार, 21 दिसंबर 2016 को लातेहार के बालूमाथ थाना की पुलिस ने सहारा इंडिया के एक मैनेजर के पास से 3 लाख रुपये की बरामदगी की थी। मैनेजर चंदन कुमार ने खुलासा किया था कि ये पैसे नक्सली कमांडर छोटू खेरवार के थे। छोटू के 26 लाख रूपये की निवेश की एक डिपोजिट स्लिप भी पुलिस को मिली थी जिसमें 12 लाख रुपए ललिता के नाम पर थे।

बीते साल 19 जनवरी को NIA ने इस केस को टेकओवर किया था और अपनी जांच शुरू की थी। रांची में NIA की विशेष अदालत में छोटू के अलावा लातेहार के उसके दो रिश्तेदारों के खिलाफ पूर्व में चार्जशीट दाखिल की गयी थी। संतोष उरांव, उसके रिश्तेदार बाजकुम निवासी रोशन उरांव और पत्नी ललिता देवी के खिलाफ सुपुर्द चार्जशीट में NIA ने दावा किया था कि इन लोगों ने नक्सलियों के पैसों को म्यूचुअल फंड समेत विभिन्न स्कीमों में निवेश कराया। संतोष व रोशन की गिरफ्तारी इस मामले में हो चुकी है जबकि ललिता फरार चल रही थी। एनआइए ने बेड़ो व हेसल में विकास म्युचुअल बेनीफिट निधि लिमिटेड के दफ्तर में छापेमारी की थी।

NIA ने दोनों दफ्तरों से दो लैपटॉप, दो सीपीयू, पेन ड्राइव के साथ कई कागजात जब्त किए। वहीं, जांच में सामने आया है कि छोटू के 15 लाख रुपये का निवेश म्युचुअल फंड में किया गया। इसी तर्ज पर उसने नक्सलियों के पैसों का भी म्युचुअल फंड समेत कई जगह निवेश कराया है। NIA ने इस मामले की जानकारी राज्य पुलिस की सीआइडी को भी दी थी। सीआइडी ने इस मामले में जांच की तो पता चला कि एनआइए की कार्रवाई के बाद दोनों म्युचुअल फंड कंपनियों के दफ्तर बंद कर संचालक फरार हो चुके हैं। बहरहाल ललिता देवी को पकड़ने के बाद अब पुलिस नक्सलियों का पैसा इन्वेस्ट करने के मामले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

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