पाकिस्तान है कि मानता नहीं…

अमेरिका ने एक बार फिर से पाकिस्तान की सरजमीं पर मौजूद आतंकी पनाहगाहों को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बनाया है और इसे ख़त्म करने को कहा है। अमेरिका ने पाकिस्तान को अपने यहां मौजूद आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

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पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई समर्थित खालिस्तानी लोगों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने नारे लगाए और भारतीय मूल के नागरिकों पर हमला किया।

अमेरिका के एक मशहूर समाचार पत्र ने पाकिस्तान की पोल खोल कर रख दी है। समाचार पत्र में पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने एवं आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का इल्ज़ाम लगाया गया है। समाचार पत्र में इस बात का ज़िक्र है कि पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने वाले आतंकवादी संगठनों पर कभी गंभीरता से कार्रवाई नहीं की। यही नहीं पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में शामिल आतंकवादियों की संपत्ति जब्त करने से लेकर उनको सज़ा देने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स ने चीन और पाकिस्तान के रिश्तों का भी ज़िक्र किया है। जिसमें कहा गया है कि चीन पाकिस्तान का प्रमुख सहयोगी है और उसे कर्ज देता है। अख़बार में पाकिस्तानी अधिकारियों के उस बयान को भी लेकर बात कही है जिसमें पाकिस्तान ये घोषणा कर रहा है कि पाकिस्तान में प्रतिबंधित समूहों के अब तक 121 सदस्यों को नजरबंद किया गया है।

इस लेख में दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध के खतरे को लेकर शंका भी ज़ाहिर की गई है। और ये भी बताया है कि इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान बिना अंतरराष्ट्रीय दबाव के संभव नहीं है। ये लेख न्यूयॉर्क टाइम्स समाचार पत्र में ‘दिस इज वेयर अ न्यूक्लियर एक्सचेंज इज मोस्ट लाइक्ली (इट्स नॉट नॉर्थ कोरिया)’ में छपा है जिसमें यह बातें कहीं गई हैं।

वहीं अमेरिका ने एक बार फिर से पाकिस्तान की सरजमीं पर मौजूद आतंकी पनाहगाहों को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बनाया है और इसे ख़त्म करने को कहा है। अमेरिका ने पाकिस्तान को अपने यहां मौजूद आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

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अमेरिका ने इस बार सख्त होकर कहा है कि पाकिस्तान अपने यहां मौजूद आतंकवादी समूहों के खिलाफ ‘स्थायी और लगातार’ कार्रवाई करे। विदेश मंत्रालय का यह बयान ऐसे वक़्त में आया है जब पुलवामा आतंकवादी हमले और बालाकोट में जैश के आतंकवादी शिविर पर भारत के हवाई हमले के बाद से पाकिस्तान पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए वैश्विक दबाव चारों तरफ से बढ़ा है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता रॉबर्ट पेलाडिनो ने पाकिस्तान से स्पष्ट कहा है वह अपने यहां के आतंकी समूहों के खिलाफ स्थाई कदम उठाए जिससे भविष्य में आतंकी हमले बंद हों और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा मिले। रॉबर्ट ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करने एवं आतंकियों की पनाहगाह नष्ट करके उनकी फंडिंग को रोकने को कहा है।

रॉबर्ट ने जैश सरगना मसूद अजहर को लेकर अपना रुख फिर से स्पष्ट किया और कहा कि जैश एक संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी समूह है जो कई आतंकवादी हमलों का जिम्मेदार है और इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा भी बताया।

पुलवामा हमले (Pulwama Terrorist Attack) के बाद पाकिस्तान पर वैश्विक जगत की तरफ से लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका के साथ फ्रांस ब्रिटेन जर्मनी जैसे कई देश पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद को ख़त्म करने को लेकर चिंतित हैं और पाकिस्तान को इसे ख़त्म करने को लेकर दबाव भी बन रहे हैं। अब देखना ये है कि पाकिस्तान आतंकवाद के ख़ात्मे को लेकर आगे क्या करता है। ये भी देखना होगा कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज़ आता है या नहीं।

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