कोरोना महामारी के बीच नेपाल में महिला सैनिक कर रही हैं ये काम, पूरी दुनिया में हो रही वाहवाही

नेपाल (Nepal) में महिला सैनिकों (Women Soldiers) ने ऐसा काम किया है, जिसे देख पूरी दुनिया उनकी वाह-वाही कर रही है। ये महिला सैनिक अपनी जान दाव पर लगाकर यह काम कर रही हैं।

Nepali Women Soldiers

लगभग 3 करोड़ की आबादी वाले देश नेपाल (Nepal) की महिला सैनिक (Nepali Women Soldiers) कोरोना (Coronavirus) महामारी के बीच पहली बार ऐसा काम कर रही हैं।

नेपाल (Nepal) में महिला सैनिकों (Women Soldiers) ने ऐसा काम किया है, जिसे देख पूरी दुनिया उनकी वाह-वाही कर रही है। ये महिला सैनिक अपनी जान दाव पर लगाकर यह काम कर रही हैं। दरअसल, नेपाली महिला सैनिक (Nepali Women Soldiers) कोरोना (Coronavirus) महामारी के संक्रमण से मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार कररही हैं।

बता दें कि हाल ही में अलजजीरा वेबसाइट ने इस बाबत एक खबर प्रकाशित की है। वेबसाइट ने लिखा है कि काठमांडू में चार महिला सैनिक प्रोटेक्टिव गियर में कोरोना से मारे गए एक पीड़ित का पशुपतिनाथ दाहगृह में अंतिम संस्कार कर रही हैं। नेपाल में महिलाओं द्वारा अंतिम संस्कार करना सांस्कृतिक मान्यताओं के खिलाफ माना जाता था, लेकिन इन महिलाओं ने इस सामाजिक बाधा को तोड़ दिया है।

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पिछले महीने चार महिला सैनिकों ने पहली बार ये काम किया था। उन्होंने 6 कोरोना मृतकों के शव को अस्पताल से दाहगृह तक पहुंचाया था। उसके बाद ये काम लगातार महिला सैनिक कर रही हैं। नेपाली सेना के प्रवक्ता संतोष बी. पौडयाल कहते हैं कि हमारे पास 95 हजार सैनिकों की एक मजबूत फोर्स है। इसमें महिलाओं को शामिल करने से हमें नई ताकत मिली है।

संतोष के अनुसार, महिलाएं युद्ध क्षेत्र, अस्पताल, हथियार गृह, इंजीनियरिंग सर्विसेज और आपदाओं में बेहतरीन काम कर रही हैं। नेपाल में पहली बार महिला सैनिकों को कोरोना मृतकों के शवों को संभालने का काम दिया गया है। ये लोग अस्पताल से मृतकों के शव ले जाकर उनका अंतिम संस्कार करवाती हैं। नेपाल की महिलाएं अब सामाजिक सीमाओं को तोड़ रही हैं। ये कुछ नया करना चाहती हैं।

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महिला सैनिकों (Nepali Women Soldiers) में से एक सार्जेंट कृष्णा कुमारी ने बताया कि यह हमारी ड्यूटी है कि हम कोरोना मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। मुझे अपने इस काम पर गर्व है। कृष्णा ने बताया कि इस काम में शारीरिक ताकत के साथ-साथ दिमागी शांति भी चाहिए। लेकिन महिला सैनिकों की टीम ने ये साबित कर दिया है कि वो किसी से भी कम नहीं हैं।

25 साल की कार्पोरल रचना कहती हैं कि मुझे खुशी है कि इस तरह के अच्छे काम के लिए मुझे चुना गया है। अभी तक यह काम सिर्फ पुरुष ही करते आ रहे थे। महिलाओं को यह जिम्मेदारी देकर एक नई परिभाषा गढ़ी गई है। नेपाल का समाज बदल रहा है। जब से मैंने ये काम शुरू किया है तब से अपने परिवार से मिलने नहीं गई। वो मुझे कहते हैं कि बेटा तुम्हारे पास बेहद जिम्मेदारी वाला काम है। यह बेहद कठिन और खतरनाक भी है, इसलिए पहले अपना काम सजगता से पूरा करो फिर हमसे मिलने आना।

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बता दें कि नेपाल (Nepal) की सेना ही पूरे देश में कोरोना मृतकों के शवों को संभाल रही है। इस महामारी ने नेपाल में 1,508 लोगों की मौत हो गई है। यहां 2.33 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमण के केस हैं। नेपाल में कोरोना संक्रमण का पहला केस पहली बार जनवरी में सामने आया था।

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करीब 3 करोड़ की आबादी वाले नेपाल की महिला सैनिक (Nepali Women Soldiers) पहली बार ऐसा काम कर रही हैं। महिला सैनिकों की एक टुकड़ी को कोरोना पीड़ितों के अंतिम संस्कार के काम में लगाया गया है। इस हिंदू बहुल्य देश में महिलाओं की स्थिति साल 2006 के बाद से सुधरनी शुरू हुई है। यहां पर सैकड़ों साल पुरानी राजशाही को खत्म करके लोकतंत्र की स्थापना की गई।

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