आंख दिखा रहा नेपाल, 395 वर्ग किलोमीटर के भारतीय इलाके को अपना बताया, भारत ने दिया ये जवाब

कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख समेत 395 वर्ग किलोमीटर के भारतीय क्षेत्र में नेपालियों के घुसपैठ पर रोक लगाने की अपील की गई थी।

PM Narendra Modi

फाइल फोटो

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 8 मई को लिपुलेख दर्रे को उत्तराखंड के धारचूला से जोड़ने वाली एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़क का उद्घाटन किया था। इसके बाद से ही भारत और नेपाल के संबंधों में तनाव आ गया।

कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख समेत 395 वर्ग किलोमीटर के भारतीय क्षेत्र में नेपालियों के घुसपैठ पर रोक लगाने की अपील की गई थी। जिसे अब नेपाल अपना बताते हुए नेपाली लोगों के प्रवेश को वैध बता रहा है।

इस पूरे मामले पर धारचूला (पिथौरागढ़, उत्तराखंड) के उप-जिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्‍ल ने नेपाल प्रशासन को 14 जुलाई को ईमेल के जरिए जवाब मांगा था। नेपाल के धारचुला इलाके के मुख्‍य जिला अधिकारी शरद कुमार ने जवाब देते हुए कालापानी, ल‍िपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र कहा है। शरद कुमार ने जवाब में लिखा कि सुगौली संधि के आर्टिकल 5, नक्‍शे और ऐतिहासिक साक्ष्‍यों के आधार पर कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख नेपाली क्षेत्र हैं।

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इन इलाकों में नेपाल के नागरिकों का प्रवेश स्वाभाविक है। भारत ने नेपाल के इस जवाब को बेबुनियाद बताया है। नेपाल ने अपने नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के कुल 395 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अपना बताया है। जबकि भारत ने नेपाल के इस नए नक्शे को अस्वीकार किया है।

भारत इसे अपना क्षेत्र मानता है और वह इस क्षेत्र में नेपाली घुसपैठ को रोकना चाहता है। इसके लिए नेपाल प्रशासन से घुसपैठ की जानकारी भी मांगी जा चुकी है।

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