नेपाल: चीन के इशारे पर भारत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले प्रधानमंत्री ओली की कुर्सी खतरे में

नेपाल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी में घमाशान जारी है। चीन के ईशारे पर भारत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) की कुर्सी खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है।

KP Sharma Oli

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली। (फाइल फोटो)

नेपाल (Nepal) की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी में घमाशान जारी है। चीन (China) के ईशारे पर भारत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) की कुर्सी खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है। पार्टी की स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का राजनीतिक भविष्य तय होने वाला है। ऐसा लग रहा है कि चीन के करीबी ओली की दोनों ही पदों से विदाई होनेवाली है।

पार्टी के विरोधी खेमे ने ओली (KP Sharma Oli) से पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा ले लेने का मन बना लिया है। बताया जा रहा है कि केपी ओली पार्टी में पूरी तरह अलग-थलग पड़ चुके हैं। 24 जून को हुई स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में पार्टी के दोनों अध्यक्षों केपी ओली और पुष्प कमल दहल (Pushpa Kamal Dahal) ने एक दूसरे पर जमकर निशाना साधा था।

कारगिल युद्ध: जब राजपुताना राइफल्स ने तोलोलिंग पर किया कब्जा, भारत ने तोड़ की दी थी पाकिस्तान की कमर

‘काठमांडू पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्टैंडिंग कमिटी में विरोधी खेमे के दो सदस्यों ने कहा कि ओली से प्रधानमंत्री का पद छोड़ने को कहा जाएगा। सदस्यों ने यह भी बताया कि दहल ने उन संभावनाओं का भी जिक्र किया और ओली को चेताया, जो वह सत्ता में बने रहने के लिए कर सकते हैं।

एक सदस्य ने कहा, ”जिस तरह बुधवार को दहल बोले, उससे साफ संदेश मिल जाता है कि ओली की स्थिति ठीक नहीं है। प्रचंड ने ओली को साफ और कठोर संदेश दे दिया था।”

गलवान घाटी में मारे गए अपने सैनिकों का अपमान कर रहा चीन, जवानों के परिवार में रोष

दहल (Pushpa Kamal Dahal) ने साफ कर दिया है कि वह या उनके खेमे के लोग अपने रुख में बदलाव नहीं करेंगे। दहल ने कहा, “हमने सुना है कि सत्ता में बने रहने के लिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश मॉडल पर काम चल रहा है। लेकिन इस तरह के प्रयास सफल नहीं होंगे। भ्रष्टाचार के नाम पर कोई हमें जेल में नहीं डाल सकता है। देश को सेना की मदद से चलाना आसान नहीं है और ना ही पार्टी को तोड़कर विपक्ष के साथ सरकार चलाना संभव है।”

सूत्रों के अनुसार, अपने खिलाफ बने माहौल को देखते हुए प्रधानमंत्री ओली (KP Sharma Oli) ने 25 जून को दहल (Pushpa Kamal Dahal) को अपने निवास पर बुलाया और शर्मिंदगी से बचने के लिए उन्होंने समझौते पर पहुंचने की कोशिश की।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें