छत्तीसगढ़: नक्सलियों ने जारी किया पत्र! राजनांदगांव मुठभेड़ में मारे गए चारों नक्सली थे संगठन की रीढ़

मानपुर के परदोनी में एनकाउंटर से संबंधित नक्सलियों के आरकेबी डिविजन कमिटी ने मारे गए नक्सलियों (Naxals) के संबंध में दो पेज का पत्र जारी कर बताया है कि मारे गए नक्सली संगठन (Naxal Organization) के लिए कितने महत्वपूर्ण थे।

Naxal Organizations

फाइल फोटो।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव जिले में 8 मई की रात नक्सली और पुलिस मुठभेड़ (Naxal Encounter) में मारे गए चार हार्डकोर नक्सली संगठन की रीढ़ थे। खुद नक्सली संगठन ने माना है कि एनकाउंटर में मारे गए चारों नक्सली संगठन की रीढ़ की हड्डी थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मानपुर के परदोनी में एनकाउंटर से संबंधित नक्सलियों के आरकेबी डिविजन कमिटी ने मारे गए नक्सलियों (Naxals) के संबंध में दो पेज का पत्र जारी कर बताया है कि मारे गए नक्सली संगठन (Naxal Organization) के लिए कितने महत्वपूर्ण थे। हालांकि, इस पत्र की अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

मुठभेड़ में मारे गए थे 4 नक्सली: उल्लेखनीय है कि 8 मई की रात एंटी नक्सल ऑपरेशन में मुख्यालय मानपुर से महज 7 किलोमीटर दूर ग्राम परदोनी के जंगल में राजनांदगांव जिला पुलिस बल ने चार हार्डकोर नक्सलियों (Naxalites) को मार गिराया था। हालांकि, इस मुठभेड़ में मदनवाड़ा थाना प्रभारी श्याम किशोर शर्मा शहीद हो गए थे।

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मुठभेड़ (Encounter) के बाद घातक हथियारों के साथ दो महिला और दो पुरुष नक्सलियों के शव बरामद हुए थे। मारे गए नक्सलियों में डीवीसी लेबल के सदस्य बल्ली ऊरा उर्फ अशोक, नागेश नरेटी उर्फ कृष्णा, महिला नक्सली सीनियर पार्टी सदस्य आयते उर्फ प्रमिला और सीनियर पार्टी सदस्य सविता सलामी शामिल थे। प्रशासन की ओर से इन पर 15 लाख रुपए का ईनाम घोषित था।

पत्र में है नेताओं को जन अदालत में सजा देने की बात: कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरकेबी डीवीजन कमिटी ने पत्र जारी कर मारे गए अपने साथियों को शहीद का दर्जा देते हुए नक्सली संगठन में उनकी जीवन शैली और उनके ताकत के बारे में जानकारी सार्वजनिक किया है। नक्सली संगठन (Naxal Organization) के आरकेबी डीवीजन कमिटी के प्रवक्ता विकास ने पत्र जारी कर उल्लेख किया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी जनविरोधी हैं। दोनों पार्टी एक थाली के चट्टे बट्टे हैं। इस कथित पत्र के आखिरी में यह उल्लेख किया गया है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं को जन अदालत में सजा देंगे।

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बचपन में ही संगठन में भर्ती हो गए थे ये नक्सली: इस तथाकथित पत्र में बताया गया है कि डीवीसी सदस्य अशोक किशोर अवस्था में ही बाल संगठन में भर्ती होकर साल 2003 में पीएलजीए (PLGA) में भर्ती हुआ। तब से विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी निभाते हुए साल 2016 में उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी में डीवीसी में शामिल हुआ। इसके बाद अशोक को साल 2017 में आरकेबी डिवीजन कमेटी में एक महत्वपूर्ण पद पर प्रोमोट किया गया। इसी तरह नागेश नरेटी उर्फ कृष्णा बचपन में ही नक्सली संगठन का सक्रिय सदस्य बना। साल 2004 में पीएलजीए (PLGA) में भर्ती हुआ। कई जिम्मेदारियों को निभाते हुए साल 2017 में आरकेबी डिवीजन कमेटी में संयुक्त एसी एशियन की जिम्मेदारी निभा रहा था। 

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सुरक्षाबलों को पहुंचाया था भारी नुकसान: इस कथित पत्र में मारी गई महिला नक्सली (Woman Naxali) प्रमिला नक्सली संगठन की सीनियर सदस्य थी। वह भी बचपन में ही संगठन में शामिल हो गई। साल 2008 में वह पीएलजीए में भर्ती हुई। कई मुठभेड़ों में नेतृत्व करते हुए खूंखार महिला नक्सली प्रमिला ने सुरक्षाबलों को बहुत नुकसान पहुंचाया।

नक्सलियों के डॉकेटर के रूप में कर रही थी काम: चौथी महिला नक्सली सविता सलामें के बारे में लिखा गया है कि नारायणपुर क्षेत्र की रहने वाली सविता जन मलेशिया टीम में काम करते हुए साल 2008 में पीएलजीए (PLGA) में भर्ती हुई। नक्सली संगठन (Naxal Organization) में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभाया। साल 2017 में संयुक्त एसी में सक्रिय भूमिका में रही। वह लंबे समय से एक डॉक्टर के रूप में नक्सली संगठन मे अहम भूमिका निभाती रही।

चारों का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी कामयाबी: बता दें कि 8 मई के मुठभेड़ में चार हार्डकोर नक्सलियों के ढेर होने से नक्सली संगठन का कमर टूट गई है। इस एनकाउंटर के बाद नक्सली संगठन बौखला गया है। नक्सलियों के तरफ से पत्र जारी होने के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि मारे गए नक्सली कैडर नक्सली संगठन (Naxal Organization) के कितने बड़े लीडर थे और उनका मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए कितनी बड़ी सफलता है।

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