पुलिस के सामने नहीं टिक पाया ये खूंखार नक्सली, जान बचाकर भागने में समझी भलाई

हार्डकोर नक्सली मोहन यादव पीएलएफआई छोड़ चुके एरिया कमाडर कृष्णा उर्फ सुल्तान का साथी है। कृष्णा के साथ मिलकर मोहन यादव, मोहन महतो सहित अन्य नक्सलियों ने अपना एक संगठन बना लिया है। ये लोग संगठन बनाकर लेवी वसूलते हैं।

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झारखंड में पुलिस नक्सली एनकाउंटर ( सांकेतिक तस्वीर)

झारखंड के बुढ़मू व खलारी इलाके में सक्रिय हार्डकोर नक्सली मोहन यादव दस्ते से पुलिस की मुठभेड़ हो गई। हालांकि, मोहन यादव पुलिस की गिरफ्त से बच कर भाग निकला। यह घटना 7 जुलाई की रात करीब 11 बजे की है। पुलिस को सूचना मिली थी कि बुढ़मू के कोयजाम जंगल में मोहन यादव दस्ता के नक्सली इकट्ठे हुए हैं। जानकारी के अनुसार, मोहन यादव का दस्ता एक व्यवसाई से लेवी लेने के लिए आया हुआ था। मोहन यादव के दस्ते के 7 नक्सली लेवी लेने पहुंचे थे। सूचना मिलते ही एसएसपी अनीश गुप्ता ने खलारी के डीएसपी पुरुषोत्तम सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित कर कोयजाम जंगल सर्चिंग के लिए भेजा।

वहां पुलिस की टीम को देखते ही मोहन यादव ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस भी जवाबी फायरिंग करते हुए आगे बढ़ी। पुलिस के सामने मोहन और उसके साथी नक्सली कमजोर पड़ने लगे। फायरिंग के बीच मोहन और उसके साथी नक्सली वहां से बच कर फरार हो गए। इसके बाद पुलिस की टीम ने पूरी रात कोयजाम के जंगल में नक्सलियों की तलाशी के लिए सर्च-ऑपरेशन चलाया। हालांकि, किसी के गिरफ्तारी या बरामदगी की कोई सूचना नहीं मिली है। हार्डकोर नक्सली मोहन यादव पीएलएफआई छोड़ चुके एरिया कमाडर कृष्णा उर्फ सुल्तान का साथी है। कृष्णा के साथ मिलकर मोहन यादव, मोहन महतो सहित अन्य नक्सलियों ने अपना एक संगठन बना लिया है। ये लोग संगठन बनाकर लेवी वसूलते हैं।

पुलिस काफी दिनों से इस दस्ते की तलाश कर रही है। मोहन यादव के दस्ते ने 4 जुलाई की रात को ठाकुरगाव-माडर रोड में सड़क निर्माण करा रहे ठेकेदार हकीम अंसारी के बेस कैंप पर हमला किया था। नक्सलियों ने बेस कैंप में रखे जेसीबी और रोलर को आग के हवाले कर दिया था। इसके अलावा बेस कैंप में तीन से चार राउंड हवाई फायरिंग भी की थी। घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गया था। इसके बाद से ही पुलिस मोहन यादव और उसके साथियों की तलाश कर रही है। इससे पहले भी मोहन यादव के दस्ते ने लेवी के लिए कई आगजनी की घटना को अंजाम दिया है।

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