अब पूर्वांचल में भी पांव पसारने की फिराक में नक्सली, अलर्ट जारी

बलिया जिले में 18 नवंबर, 2012 में फूलमती देवी की हत्या हुई थी। हत्या करने के बाद हत्यारे उसकी लाश के पास नक्सली आंदोलन के समर्थन वाले पर्चे छोड़े थे। जिससे पुलिस यह खुलासा हुआ था कि नक्सली पूर्वांचल के क्षेत्रों में भी पहुंच चुके हैं।

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पूर्वांचल में पांव पसारने की कोशिश में नक्सली

नक्सली अब पूर्वांचल में भी पांव पसारने की फिराक में लग गए हैं। हाल ही में जौनपुर के एक दंपती का कनेक्शन मध्य प्रदेश के नक्सलियों से होने का खुलासा हुआ है। जिसके बाद यह आशंका बढ़ गई है कि नक्सली अब पूर्वांचल में भी अपनी साख बनाने की कोशिश में हैं। एटीएस ने 8 जुलाई को चार स्थानों पर छापे मारे थे और नक्सली गतिविधियों में संलिप्त आठ संदिग्धों से पूछताछ की थी। देवरिया व कानपुर में छह संदिग्धों से पूछताछ के साथ ही उनके कब्जे से कई पत्र व नक्सली साहित्य बरामद हुआ था। बताया गया कि देवरिया में जिन संदिग्धों से पूछताछ की गई, उनमें पूर्व में पकड़ा जा चुका एक आरोपित भी शामिल था। इस शख्स के पास से हाथ के लिखे कुछ पत्र मिले हैं, जिनमें यूपी में नक्सली संगठन को फिर से खड़ा करने के लिए अंडरग्राउंड मूवमेंट चलाने की बातें भी लिखी हैं।

पत्रों में 2010 में नक्सली गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में पकड़े जा चुके बच्चा प्रसाद की ओर इशारा कर उसे संगठन से दूर करने की बात भी है। बरामद दस्तावेजों में सेंट्रल कमेटी से यूपी में मूवमेंट के तहत नए लोगों को जोड़े जाने का जिक्र भी है। एटीएस संदिग्ध आरोपितों के ईमेल व सोशल मीडिया पर रहीं गतिविधियों को भी खंगाल रही है, ताकि उनके खिलाफ और साक्ष्य जुटाए जा सकें। गिरफ्तार दंपती के लैपटॉप की भी फोरेंसिक जांच कराई जा रही है। इसके पहले भी गोरखपुर में इस तरह की गतिविधियों के मामले सामने आए हैं। ऐसी घटनाओं के बाद अब पुलिस भी हरकत में आ गई है।

गोरखपुर रेंज के आईजी जय नारायण सिंह ने गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज के पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी कर अलर्ट रहने को कहा है। इसके अलावा विभागीय खुफिया एजेंसियों को भी सक्रिय कर दिया गया है। आईजी ने खास तौर पर किराए पर रहने वाले लोगों के सत्यापन का आदेश दिया है। यह पहली बार नहीं है जब पूर्वांचल में नक्सलियों के मौजूदगी के संकेत मिले हैं। बलिया जिले में 18 नवंबर, 2012 में फूलमती देवी की हत्या हुई थी। हत्या करने के बाद हत्यारे उसकी लाश के पास नक्सली आंदोलन के समर्थन वाले पर्चे छोड़े गए थे। जिससे यह खुलासा हुआ था कि नक्सली पूर्वांचल के क्षेत्रों में भी पहुंच चुके हैं।

फरवरी, 2010 में महिला नक्सली लीडर हिरामन की गोरखपुर से गिरफ्तारी हुई थी। इसके अलावा खुफिया एजेंसियों ने 2009 में देवरिया के 26 गांवों में और कुशीनगर के एक गांव में नक्सली गतिविधियों के सबूत राज्य और केंद्र सरकार को दिए थे। इसके बाद इन इलाकों में पुलिस ने काफी सक्रियता दिखाई थी। हालांकि, एक भी नक्सली गिरफ्तार नहीं हो पाया था। पूर्वांचल में देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, बलिया, गाजीपुर की सीमाएं भी बिहार के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से लगी हुई हैं। यही वजह है इन जिलों में नक्सली शरण लेने के बहाने आते हैं और फिर अपनी जड़ें फैलाने की कोशिश में लग जाते हैं।

जानकारी के मुताबिक, नक्सली विचारधारा से प्रभावित नारी मुक्ति मंच संगठन महिला सदस्यों को नक्सली विचारधारा से जोड़ने का काम कर रही है। खुफिया एजेंसियों का अनुसार, नक्सलियों द्वारा गोरखपुर के आस-पास के जिलों में भी नक्सली कैडर भर्ती का काम चोरी छिपे चलाया जा रहा है। गोरखपुर रेंज के आईजी जय नारायण सिंह के मुताबिक, रेंज के सभी जिले के एसपी को अलर्ट रहने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा इंटेलिजेंस, गोपनीय विभाग को भी सक्रिय कर दिया गया है। पुलिस को निर्देशित किया गया है कि वह ऐसी गतिविधियों पर नजर रखें और किराएदारों का सत्यापन भी करें, ताकि कोई बाहरी हो तो उसकी पूरी जानकारी पुलिस के पास हो।

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