छत्तीसगढ़: नक्सलियों ने गोदाम में लगाई आग, 9 करोड़ रुपए का तेंदूपत्ता जल कर खाक

लगभग एक दर्जन हथियारबंद नक्सली नवामुड़ा गांव में स्थित तेंदूपत्ता गोदाम पहुंचे थे। नक्सलियों के इस दल में महिला नक्सली भी शामिल थीं।

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करोड़ों को तेंदूपत्ता जल कर स्वाहा।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित गरियाबंद जिले में नक्सलियों ने तेंदूपत्ता गोदाम में आग लगा दी। इस घटना में नौ करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका है। गरियाबंद क्षेत्र के वन मंडल अधिकारी के अनुसार, 11 जून की रात जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत नवामुड़ा गांव में स्थित तेंदूपत्ता गोदाम में नक्सलियों ने आग लगा दी। तबाह हुए तेंदूपत्ते की कीमत लगभग 9 करोड़ रुपए है। तेंदूपत्ते का उपयोग बीड़ी बनाने में किया जाता है। अधिकारी ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि लगभग एक दर्जन हथियारबंद नक्सली नवामुड़ा गांव में स्थित तेंदूपत्ता गोदाम पहुंचे थे। नक्सलियों के इस दल में महिला नक्सली भी शामिल थीं।

यहां तेंदूपत्ता के तीन गोदाम हैं। हथियारबंद नक्सलियों ने यहां मौजूद तीन चौकीदारों को पहले अपने कब्जे में लिया। फिर यहां के एक गोदाम का ताला तोड़कर उसमें रखे 1700 मानक बोरे तेंदूपत्ता में आग लगा दी। घटना के बाद नक्सलियों ने चौकीदारों को एक कमरे में बंद कर दिया और वहां से फरार हो गए। इस घटना में गोदाम में रखा तेंदूपत्ता पूरी तरह से जल गया और गोदाम भी नष्ट हो गया। नक्सलियों के जाने के बाद चौकीदार ने इसकी सूचना रेंजर को दी। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम, फायर ब्रिगेड और पुलिस समेत प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग और पुलिस के अधिकारी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। आग पर काबू पाने के लिए दमकल वाहनों को भी भेजा गया। जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को घटनास्थल से नक्सलियों का पर्चा बरामद हुआ है। जिसमें नक्सलियों ने लिखा है कि ग्रामीणों को तेंदूपत्ता संग्रहण का पूरा पैसा नहीं दिया जा रहा है, इसलिए उन्होंने तेंदूपत्ता गोदाम में आग लगा दी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के लिए जिम्मेदार नक्सलियों की खोज शुरू कर दी गई है।

बताया जा रहा है कि नक्सलियों की मैनपुर डिविजन कमेटी इलाके भर के तेंदूपत्ता संग्रहण के एवज में हर साल लेवी के रूप में मोटी रकम की वसूली करती थी। इस बार पुलिस ने इसे रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया था। नक्सलियों के नेटवर्क को भी ध्वस्त कर दिया गया था। एसपी एमआर अहिरे का भी मानना है कि इस बार वसूली नहीं कर पाने के कारण नक्सलियों ने इस तरह की करतूत को अंजाम दिया है।

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