नक्सलियों ने बीजापुर में सड़क निर्माण में लगे वाहन में लगाई आग

नक्सलियों ने इस घटना को बीजापुर कोतवाली क्षेत्र के पदेड़ा के पास अंजाम दिया। माना जा रहा है कि नक्सलियों ने पुलिस के द्वारा लगातार की जा रही नक्सल विरोधी कार्रवाई से बौखला कर इस वारदात को अंजाम दिया है।

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माओवादियों ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में चल रहे सड़क निर्माण कार्य में बाधा डालने का प्रयास किया और निर्माण कार्य में लगे हाइवा वाहन को आग के हवाले कर दिया।

नक्सलियों ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ में तांडव मचा कर क्षेत्र में हो रहे विकास कार्य को रोकने की कोशिश की है। राज्य के बीजापुर में चल रहे सड़क निर्माण कार्य में माओवादियों ने बाधा डालने का प्रयास किया और निर्माण कार्य में लगे हाइवा वाहन को आग के हवाले कर दिया। यह गाड़ी दंगल कंस्ट्रक्शन कंपनी की बताई जा रही है। इस घटना में वाहन चालक सुरक्षित बच निकला और सीआरपीएफ कैम्प पहुंचकर घटना की सूचना दी। नक्सलियों ने इस वारदात को बीजापुर कोतवाली क्षेत्र के पदेड़ा के पास अंजाम दिया। माना जा रहा है कि नक्सलियों ने पुलिस के द्वारा लगातार की जा रही नक्सल विरोधी कार्रवाई से बौखला कर इस वारदात को अंजाम दिया है।

हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। गौरतलब है कि बीजापुर से गंगालूर के बीच सड़क निर्माण हो रहा है। साथ ही, कई जगह पुल और पुलिया का निर्माण भी हो रहा है। इससे पहले, झारखंड के नक्सल प्रभावित दुमका जिले की सरजमीन नक्सल आतंक से लाल हुई थी। 2 जून की सुबह नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में एसएसबी के 35वीं बटालियन का एक जवान शहीद हो गया जबकि 4 जख्मी हो गए थे। दुमका के एसपी वाई एस रमेश के अनुसार, दुमका के रानीश्वर थाना क्षेत्र के कठलिया में करीब 15 नक्सलियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद जिला पुलिस और एसएसबी ने जॉइंट ऑपरेशन के तहत कैंप कर रहे नक्सलियों की घेरेबंदी शुरू कर दी।

सुरक्षाबलों के पहुंचने पर सुबह करीब 3:30 बजे नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबलों की तरफ से भी जवाबी फायरिंग की गई। इस मुठभेड़ में करीब 5 नक्सली घायल हुए थे। वहीं, 5 जवान भी घायल हो गए थे। सभी जवानों को तत्काल सदर अस्पताल ले जाया गया जहां असम के रहने वाले जवान नीरज छेत्री ने दम तोड़ दिया था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह मुठभेड़ ताला दा के मारे जाने के बाद बचे नक्सलियों में से विजय और निशिकांत के दस्ते के साथ हुई थी। यह दस्ता करीब 3-4 दिनों से वहीं पर कैंप कर रहा था। सुरक्षाबलों की कार्रवाई में नक्सलियों के दस्ते को भी काफी नुकसान पहुंचा था।

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