
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों ने बड़ा हमला किया है। नक्सलियों ने पुलिस वाहन को निशाना बनाकर एक IED ब्लास्ट किया। इस हमले में 15 जवान और एक ड्राइवर शहीद हो गए हैं। महाराष्ट्र के आईजी ने इस खबर की पुष्टि की है। सूचना के मुताबिक दो गाड़ियों में करीब 25 जवान सवार थे। दोनों गाड़ियां पेट्रोलिंग के लिए निकली थीं। इसी दौरान नक्सलियों ने घात लगाकर आईईडी ब्लास्ट किया। जानकारी के मुताबिक, गाड़ी चला रहे ड्राइवर की भी इस हमले में मौत हो गई।
कुरखेड़ा तहसील के दादापुरा गांव में नक्सलियों ने 36 वाहनों को आग लगा दी थी। इसके बाद क्विक रिस्पॉन्स टीम के कमांडो घटनास्थल के लिए रवाना हुए थे। ये कमांडो नक्सलियों का पीछा करते हुए जंबुखेड़ा गांव की एक पुलिया पर पहुंचे थे, तभी नक्सलियों ने विस्फोट कर दिया। गढ़चिरौली में यह धमाका घने जंगलों के बीच हुआ। हमला काफी खतरनाक था। जवान प्राइवेट जीप से सफ़र कर रहे थे।
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इससे पहले मंगलवार देर रात इसी इलाके में नक्सलियों ने रोड निर्माण में लगे 36 वाहनों को आग लगा दी थी। नक्सली हमला कुरखेड़ा से छह किमी दूर कोरची मार्ग पर हुआ। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र पुलिस के जवान निजी बस से गढ़चिरौली की ओर जा रहे थे। यह इलाका महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर है।
इस हमले से 3 हफ्ते पहले 11 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले गढ़चिरौली के एक पोलिंग बूथ के पास नक्सलियों ने आईईडी धमाका किया था, हालांकि इस धमाके में कोई घायल नहीं हुआ था।
शहीद हुए जवान पुलिस की सी-60 फोर्स के कमांडो थे। इस फोर्स में 60 जवान होते हैं। इसका गठन 1992 में गढ़चिरौली के तत्कालीन एसपी केपी रघुवंशी ने किया था। इस फोर्स के कमांडो नक्सल विरोधी अभियानों के लिए ही प्रशिक्षित किए जाते हैं। ये गुरिल्ला युद्ध में माहिर होते हैं। महाराष्ट्र के डीजीपी सुबोध जायसवाल ने कहा- हम इस हमले का माकूल जवाब देने के लिए तैयार हैं। प्रभावित इलाके में अभियान चलाया जा रहा है ताकि आगे और नुकसान ना हो।
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