किसान आंदोलन का 22वां दिन: हजारों किसानों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे टिकैत ने सरकार से जिद छोड़ने की अपील की

नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने कहा, ‘‘सरकार चाहती है कि किसानों में टकराव पैदा हो। किसान टकराव नहीं चाहते, वे अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं। सरकार इस मामले को मामूली मानकर चल रही है जबकि यह गंभीर मामला है।

Naresh Tikait

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कृषि कानून (Farm Acts) के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) को और धार देने के लिए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत (Naresh Tikait) बागपत से दिल्ली पहुंच चुके हैं। राजधानी रवाना होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष टिकैत ने कहा कि सरकार को अपनी जिद छोड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार हठधर्मिता अपना रही है। टिकैत बृहस्पतिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर होने वाली पंचायत में शामिल होने के लिए अपने काफिले के साथ निकले थे। उन्होंने दिल्ली रवाना होने से पहले बड़ौत में खाप चौधरियों के साथ बैठक भी की।

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इस मौके पर मीडिया से बातचीत में नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों (Farm Acts) को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर किये जा रहे किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को 22 दिन हो गये हैं, किसान सर्दी के मौसम में खुले आसमान के नीचे पड़े हैं, लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है।’’

नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने कहा, ‘‘सरकार चाहती है कि किसानों में टकराव पैदा हो। किसान टकराव नहीं चाहते, वे अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं। सरकार इस मामले को मामूली मानकर चल रही है जबकि यह गंभीर मामला है। अगर सरकार दो कदम पीछे हटे तो किसान भी आपसी सहमति पर आगे कदम बढ़ाएंगे।’’

बड़ौत में चौधरी सुरेंद्र सिंह के आवास पर देशखाप के थांबेदारों की बैठक हुई। चौधरी सिंह ने बताया कि औद्योगिक पुलिस चौकी पर आंदोलन (Farmers Protest) को चौबीसी खाप छपरौली के चौधरी सुभाष और पंवार खाप के चौधरी धर्मवीर सिंह ने भी समर्थन दिया है। जिले की जनभावना को देखते हुए बड़ौत में आंदोलन शुरू करेंगे।

गौरतलब है कि खाप व्यवस्था का शब्द है। देशखाप 84 गांव की है। व्यवस्था संचालन के लिए इन 84 गांवों को टुकड़ों में बांटकर उन पर एक-एक चौधरी बनाया जाता है, जिसे थांबेदार कहा जाता है। देशखाप चौरासी के थांबे किशनपुर बिराल, बावली, बिजरौल, बामनौली, हिलवाड़ी, पट्टी मेहर बड़ौत और मलकपुर हैं।

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