26 मई 2014: आज ही के दिन गुजरात का एक चायवाला बना देश का 15वां प्रधानमंत्री

ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह भारतीय जनता पार्टी के संसदीय अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) का 26 मई, 2014 से भारत के 15वें प्रधानमंत्री का कार्यकाल आरम्भ हुआ। मोदी के साथ 45 अन्य मंत्रियों ने भी समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।

Narendra Modi

Narendra Modi take oath as PM of India

नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 26 मई 2014 को देश के पंद्रहवें प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। क्रीम रंग का आधी बाजू वाला कुर्ता और उस पर बंद गले की जैकेट पहने मोदी इस पद पर आसीन आजादी के बाद जन्म लेने वाले पहले व्यक्ति हैं। इस शपथ ग्रहण समारोह में भी मोदी के अपने अंदाज़ की झलक तो नज़र आनी ही थी। विजयोल्लास के इस अविस्मरणीय अवसर पर मोदी के पूर्व परामर्शदाता लाल कृष्ण आडवाणी भी वहां उपस्थित थे। कुछ दिन पहले ही संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में पार्टी का नेतृत्व औपचारिक रूप से स्वीकार करते समय भावुक होकर मोदी रुआंसे हो गए थे, आडवाणी की आंखों में भी आंसू थे। इस अवसर पर ऐसा लग रहा था कि मानो बीजेपी परिवार में अश्रुपूरित माहौल में पुराने और नए लोगों का मिलन हो रहा था।

 20 मई, 2014 को संसद भवन में भारतीय जनता पार्टी दवारा आयोजित बीजेपी संसदीय दल एवं सहयोगी दलों की एक संयुक्त बैठक में जब लोग प्रवेश कर रहे थे तो नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने प्रवेश करने से पूर्व संसद भवन को ठीक वैसे ही जमीन पर झुककर प्रणाम किया जैसे किसी पवित्र मन्दिर में श्रद्धालु प्रणाम करते हैं। संविधान को धर्म और संविधान की पालक संसद को धर्मस्थल तो सभी कहते हैं. परन्तु संसद भवन के इतिहास में मोदी ने ऐसा करके समस्त सांसदों के लिए उदाहरण पेश किया। बैठक में नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) को सर्वसम्मति से न केवल बीजेपी संसदीय दल अपितु एनडीए का भी नेता चुना गया।

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16 मई, 2014 को आम चुनावों के परिणाम घोषित होने के बाद 20 मई को मोदी भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले। मुखर्जी ने मोदी को अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। बीजेपी ने राष्ट्रपति को बताया कि इस चुनाव में 282 सीटें जीतीं, जबकि उनके गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने कल 336 लोक सभा सीटों पर जीत दर्ज की। तब मोदी ने 26 मई, 2014 को शाम 06:00 बजे शपथ ग्रहण करने की घोषणा की। राष्ट्रपति ने चाय बेचने वाले नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) को भारत का 15वाँ प्रधानमन्त्री नियुक्त करते हुए इस आशय का विधिवत पत्र सौंपा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक अन्तर से जीती गुजरात की वडोदरा सीट से इस्तीफा देकर संसद में उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया और यह घोषणा की कि वह गंगा की सेवा के साथ इस प्राचीन नगरी का विकास करेंगे। दोबारा 2019 में भी वे इसी वाराणसी से ही विजयी हुए।

ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह भारतीय जनता पार्टी के संसदीय अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) का 26 मई, 2014 से भारत के 15वें प्रधानमंत्री का कार्यकाल आरम्भ हुआ। मोदी के साथ 45 अन्य मंत्रियों ने भी समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। मोदी सहित कुल 46 में से 36 मंत्रियों ने हिन्दी में शपथ ली जबकि अन्य 10 ने अंग्रेजी में शपथ ग्रहण की। एक ऐतिहासिक तथ्य यह भी है कि नेता प्रतिपक्ष के लिए भी चुनाव परिणाम सकारात्मक नहीं रहे। किसी एक दल ने कुल लोकसभा सीटों के 10 प्रतिशत का आंकड़ा ही नहीं छुआ।

शपथ ग्रहण समारोह दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन प्रांगण में हुआ। इससे पहले केवल पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर (1990, समाजवादी जनता पार्टी) और अटल बिहारी वाजपेयी (1996 और 1998, बीजेपी) ने शपथ राष्ट्रपति भवन के प्रागण में ग्रहण की। दरबार हॉल एक अन्य सम्भावित स्थान था, लेकिन इसकी दर्शक क्षमता 500 तक सीमित होने के कारण अस्वीकृत कर दिया गया। बीजेपी ने संकेत दिया कि समारोह खुले मैदान पर किया जाएगा।

राष्ट्रीय गणमान्य व्यक्ति इस समारोह में भारत के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया था। इनमें से कर्नाटक के मुख्यमंत्री, सिद्धारमैया (कांग्रेस) और केरल के मुख्यमंत्री, उम्मन चांडी (कांग्रेस) ने भाग लेने से मना कर दिया।

बीजेपी और कांग्रेस के बाद सबसे अधिक सीटों पर विजय प्राप्त करने वाली तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने समारोह में भाग न लेने का निर्णय लिया जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी जगह मुकुल रॉय और अमित मित्रा को भेजने का निर्णय लिया। मध्य प्रदेश के मुख्यमन्त्री, शिवराज सिंह चौहान (जो बीजेपी के हैं) ने अपने पूर्ण मंत्रिमण्डल के साथ वायुयान किराये पर लिया जिससे समारोह में उपस्थित होकर उसी रात्रि वापसी कर सकें। अन्य आमंत्रित हस्तियों में अनुपम खेर, मधुर भंडारकर, विवेक ओबेरॉय, रजनीकान्त शामिल थे।

वडोदरा के एक चाय विक्रेता किरण महिंद्रा, जिन्होंने मोदी की उम्मीदवारी प्रस्तावित की थी को भी समारोह में आमंत्रित किया गया। इसके अतिरिक्त उद्योग जगत के बड़े लोगों में मुकेश अंबानी, उनके भाई अनिल अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला और गौतम अदाणी भी समारोह में शामिल हुए।

शपथ ग्रहण के लिए परंपरागत दरबार हॉल, जहां मुश्किल से करीब 500 अतिथि ही आ सकते हैं, के बजाए मोदी ने इस अवसर के लिए राष्ट्रपति भवन के प्रांगण का चयन किया। राजपथ जगमग हो उठा था- यह एक शानदार नजारा था जिसका सीधा प्रसारण किया गया था।

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