म्यांमार में प्रदर्शनकारियों पर एक बार फिर सेना ने बरपाया कहर, 91 लोगों की गई जान

म्यांमार (Myanmar)  के लिए यूरोपीय संघ के नेताओं ने ट्विटर पर कहा‚ 76वां म्यांमार सशस्त्र बल दिवस आतंक और असम्मान के दिन के तौर पर याद किया जाएगा। बच्चों समेत निहत्थे नागरिकों की हत्या ऐसा कृत्य है‚ जिसका कोई बचाव नहीं है।

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प्रतिकात्मक तस्वीर

पड़ोसी देश म्यांमार (Myanmar) में पिछले महीने हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से सैनिकों (Myanmar Army) ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी हिंसक कार्रवाई की‚ जिसमें कम से कम 91 लोग मारे गए।

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म्यांमार की मीडिया वेबसाइट म्यांमार नाउ की खबर के अनुसार‚ शनिवार शाम तक सैनिकों (Myanmar Army) की कार्रवाई में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 91 तक पहुंच गई। इससे पहले 14 मार्च को सैनिकों की कार्रवाई में 74 से 90 आंदोलनकारी मारे गए थे।

यंगून में एक निगरानीकर्ता द्वारा जारी मृतक संख्या के मुताबिक‚ दो दर्जन से अधिक शहरों में हो रहे प्रदर्शन में शाम होने तक 93 लोगों की मौत हुई थी। म्यांमार (Myanmar)  में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। ये आंदोलनकारी निर्वाचित सरकार को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं।

स्वतंत्र निगरानीकर्ता के मुताबिक‚ यह आंकड़े इसे तख्तापलट के बाद से सबसे अधिक खूनी-झड़प वाले दिनों में से एक बनाते हैं। ये निगरानीकर्ता आम तौर पर प्रतिदिन ‘असिस्टेंस असोसिएशन ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स’ द्वारा जारी आंकड़ों का मिलान करता है। यह संस्था मृत्यु और गिरफ्तारी के आंकड़ों का ब्योरा रखती है और इसे पुख्ता सूत्र के तौर पर देखा जाता है।

वहीं, इन हत्याओं को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कड़ी निंदा हुई है और म्यांमार में कई कूटनीतिक मिशनों ने बयान जारी किए हैं‚ जिनमें बच्चों समेत नागरिकों की हत्या का जिक्र है।

म्यांमार (Myanmar)  के लिए यूरोपीय संघ के नेताओं ने ट्विटर पर कहा‚ 76वां म्यांमार सशस्त्र बल दिवस आतंक और असम्मान के दिन के तौर पर याद किया जाएगा। बच्चों समेत निहत्थे नागरिकों की हत्या ऐसा कृत्य है‚ जिसका कोई बचाव नहीं है।

उधर‚ जुंटा प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने तख्तापलट के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों का प्रत्यक्ष जिक्र नहीं किया‚ लेकिन उन्होंने देश की राजधानी नेपीता के परेड मैदान में हजारों सैनिकों के सामने दिए भाषण में राज्य की शांति व सामाजिक सुरक्षा के लिए हानिकारक हो सकने वाले आतंकवाद का जिक्र किया और इसे अस्वीकार्य बताया।

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