
5 अगस्त को राम मंदिर (Ram Mandir) का भूमिपूजन और शिलान्यास होने से एक मुस्लिम नेता नाराज हो गए हैं और उन्होंने मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने की धमकी दे डाली है।
दरअसल 5 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने भूमिपूजन कर मंदिर का शिलान्यास किया था। लेकिन अब राम लला का मंदिर बनाए जाने पर मुस्लिम पक्ष ने नाराजगी जताई है।
बता दें की पिछले साल नवंबर में मंदिर बनाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। अब जब मंदिर निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है तो ऑल इंडिया इमाम असोसिएशन ने भड़काऊ बयान जारी किया है।
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साजिद रशीदी ऑल इंडिया इमाम असोसिएशन के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा है कि इस्लाम कहता है कि मस्जिद हमेशा मस्जिद ही रहेगी। कुछ और निर्माण करने के लिए मस्जिद को तोड़ा नहीं जा सकता। हमारा मानना है कि बाबरी मस्जिद वहां थी और वह हमेशा मस्जिद के रूप में वहां रहेगी।
मंदिर को गिराकर वहां मस्जिद नहीं बनाई गई थी लेकिन अब ऐसा हो सकता है। मंदिर गिराकर वहां फिर से मस्जिद बनाई जाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा है। रशीदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राम मंदिर के भूमि पूजन में जाकर संविधान का उल्लघंन किया है।
#BabriMasjid was and will always be a Masjid. #HagiaSophia is a great example for us. Usurpation of the land by an unjust, oppressive, shameful and majority appeasing judgment can't change it's status. No need to be heartbroken. Situations don't last forever.#ItsPolitics pic.twitter.com/nTOig7Mjx6
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) August 4, 2020
इससे पहले 4 अगस्त को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ़ से भी एक पत्र जारी हुआ था। जिसमें लिखा था कि बाबरी मस्जिद कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी। मस्जिद में मूर्तियां रख देने से या फिर पूजा-पाठ शुरू कर देने या एक लंबे अर्से तक नमाज पर प्रतिबंध लगा देने से मस्जिद की हैसियत ख़त्म नहीं हो जाती। हमारा हमेशा यह मानना रहा है कि बाबरी मस्जिद किसी भी मंदिर या किसी हिंदू इबादतगाह को तोड़कर नहीं बनाई गई। हालात चाहे जितने खराब हों हमें हौसला नहीं हारना चाहिए। पत्र में मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने की चेतावनी भी दी गई थी। आपको बता दें कि मस्जिद निर्माण के लिए कहीं और जमीन देने का फ़ैसला सुप्रीम कोर्ट ने किया था। इसके ज़मीन आवंटन के लिए यूपी सरकार को आदेश भी दिया जा चुका है।
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