अमेरिकी संसद में कश्मीर पर बेतूका प्रस्ताव पेश, भारत ने बताया बेबुनियाद

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  • अमेरिकी सांसद ने कश्मीर (Kashmir) में इंटरनेट बहाली-नेताओं की रिहाई का रखा प्रस्ताव

  • भारतीय मूल की सांसद हैं प्रमिला जयपाल, प्रस्ताव के लिए मिले हजारों मेल

  • प्रस्ताव को सांसद स्टीव वाटकिंस के रूप में केवल एक सदस्य का समर्थन प्राप्त

  • प्रस्ताव का भारतीय अमेरिकियों ने किया विरोध

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भारतीय अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने अमेरिकी संसद में जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) पर एक प्रस्ताव पेश करते हुए भारत से वहां लगाए गए संचार प्रतिबंधों को जल्द से जल्द हटाने और सभी निवासियों की धार्मिक स्वतंत्रता संरक्षित रखे जाने की अपील की।

जयपाल द्वारा कई सप्ताह के प्रयासों के बाद प्रतिनिधि सभा में पेश किए गए इस प्रस्ताव को कंसास के रिपब्लिकन सांसद स्टीव वाटकिंस के रूप में केवल एक सदस्य का समर्थन प्राप्त है। यह केवल एक प्रस्ताव है, जिस पर दूसरे सदन में वोट नहीं किया जा सकता और यह कानून नहीं बनेगा। प्रस्ताव में भारत से पूरे जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में संचार सेवाओं पर लगे प्रतिबंधों को हटाने और इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने की अपील की गई है।

इस प्रस्ताव को पेश किए जाने से पूर्व अमेरिका भर से भारतीय मूल के अमेरिकियों ने विभिन्न मंचों से इसका विरोध किया था। समझा जाता है कि उनके कार्यालय को इस प्रस्ताव को पेश नहीं करने के लिए भारतीय अमेरिकियों के 25 हजार से अधिक ईमेल प्राप्त हुए। भारतीय अमेरिकियों ने कश्मीर (Kashmir) पर प्रस्ताव पेश करने के उनके कदम के खिलाफ उनके कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन भी किया।

 

प्रमिला जयपाल ने ट्वीट किया, ‘‘कल, मैंने स्टीव वाटकिंस के साथ मिलकर सदन में एक प्रस्ताव पेश किया और भारत सरकार से जम्मू-कश्मीर में संचार प्रतिबंधों को जल्द से जल्द हटाने और सभी निवासियों की धार्मिक स्वतंत्रता संरक्षित रखे जाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अमेरिका-भारत के विशेष संबंध को मजबूत करने की लड़ाई लड़ी है, जिस वजह से मैं बेहद चिंतित हूं। लोगों को बिना किसी आरोप के हिरासत में लेना, संचार को सीमित करना और तटस्थ तीसरे पक्ष को इस क्षेत्र में जाने से रोकना हमारे करीबी, महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के लिए हानिकारक है।

प्रस्ताव में भारत से अपील की गई है कि मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों की जल्द से जल्द रिहाई की जाए और उन पर राजनीतिक गतिविधियों एवं भाषणों पर किसी प्रकार की रोक लगाने वाले बांड पर हस्ताक्षर करने की शर्त लगाने से बचा जाए। प्रस्ताव में दावा किया गया है कि इस बात के ‘‘फोटोग्राफिक’ सबूत हैं कि हिरासत में लिए गए लोगों को उनकी रिहाई की शर्त के रूप में राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने से मना करने और बयान जारी करने के लिए निश्चित बांड पर हस्ताक्षर करने होंगे। भारत ने हालांकि इन आरोपों को हमेशा खारिज किया है। भारत का कहना है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने का निर्णय संप्रभु है और वह अपने आंतरिक मामले में किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा।

इतिहास में आज का दिन – 09 दिसंबर

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