चीन पर पैनी नजर रखने के लिए ITBP में शामिल हुए मोबाइल आब्जर्वेशन पोस्ट, जानें इनकी खासियत

चीन पर किसी भी हाल में भरोसा नहीं किया जा सकता। उसकी चालबाजियों को देखते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली इंडो तिब्बतन बार्डर पुलिस (ITBP) चीन पर कड़ी नजर रखे हुए है।

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ITBP मोबाइल आब्जर्वेशन पोस्ट

जवानों को पंद्रह हजार फीट से उंचाई वाले इलाकों में हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू ट्रेनिंग देने की कार्रवाई के बीच आईटीबीपी (ITBP) के बेड़े में नई मोबाइल आब्जर्वेशन पोस्ट शामिल की गई है।

LAC पर चीन की हमेशा से ही नजर रही है। वह इस मामले में कभी भी धोखा दे सकता है। चीन पर किसी भी हाल में भरोसा नहीं किया जा सकता। उसकी चालबाजियों को देखते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली इंडो तिब्बतन बार्डर पुलिस (ITBP) चीन पर कड़ी नजर रखे हुए है। साथ ही भविष्य में आनेवाल चुनौतियों का सामना करने की भी तैयारी कर रही है।

इसी कड़ी में बेहतर तकनीकी निगरानी के लिए आईटीबीपी (ITBP) के बेड़े में बेहतर उपकरण शामिल किए जा रहे हैं। जवानों को पंद्रह हजार फीट से उंचाई वाले इलाकों में हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू ट्रेनिंग देने की कार्रवाई के बीच आईटीबीपी के बेड़े में नई मोबाइल आब्जर्वेशन पोस्ट शामिल की गई है।

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इस मोबाइल ऑब्जर्वेशन पोस्ट को संवेदनशील जगह पर तैनात कर जवान दुश्मन पर निगरानी रख सकते हैं। इस पोस्ट में जवान किसी इलाके में लंबे समय तक सुरक्षित रहकर दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं। आधुनिक यंत्रों से लैस यह पोस्ट बुलेट प्रूफ भी है।

सीमा पर चुनौतियों का सामना करने के लिए मोबाइल आब्जर्वेशन पोस्ट वरदान है। इस पोस्ट में लगे हाई डेफीनेशन कैमरों से दूर तक निगरानी होती है। जम्मू-कश्मीर में अकसर पाकिस्तान जवानों पर स्नाइपर राइफल से फायरिंग उन्हें निशाना बनाता है। ऐसे में बुलेटप्रूफ मोबाइल आब्जर्वेशन पोस्ट में निगरानी कर रहे जवानों को गोलियां से निशाना नहीं बनाया जा सकता है।

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मोबाइल होने के कारण गोलाबारी होने की स्थिति में इस पोस्ट पर फौरन सुरक्षित जगह पर ले जाना संभव है। एयर कंडीशन होने के कारण इसमें जवान किसी भी प्रकार के मौसम में लंबे समय तक रह सकते हैं।

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इसके साथ ही दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ आइटीबीपी के जवान पर्यावरण संरक्षण करने के साथ क्षेत्र में दुर्गम हालात में राहत अभियान चलाने के लिए भी हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसे में इस समय भी लेह में आईटीबीपी के जवानों की हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू ट्रेनिंग जारी है। इस ट्रेनिंग के तहत जवानों को ऐसी तकनीकों की जानकारी दी जा रही है जिससे वह दुर्गम, चुनौतीपूर्ण हालात के बीच बचाव अभियान का आयोजन कर सकते हैं।

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