एक और MIG-21 विमान हुआ क्रैश, पायलट सुरक्षित

राजस्थान के बीकानेर में भारतीय वायुसेना का मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान क्रैश हो गया है।

Operation Chengiz Khan

राजस्थान के बीकानेर में भारतीय वायुसेना का मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान क्रैश हो गया है। हालांकि, पायलट सुरक्षित है। पायलट ने विमान क्रैश होने से पहले ही पैराशूट से छलांग लगा दी थी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार को बीकानेर के पास नल एयरबेस से उड़ान भरी ही थी। तभी विमान एक पक्षी से टकराया जिसके चलते यह दुर्घटना हुई। यह विमान अपने नियमित मिशन पर था। सूचना मिलते ही एयरफोर्स की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई।  दुर्घटना के कारणों की जांच के लिये कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की जा रही है।

बीकानेर के एसपी प्रदीप मोहन शर्मा ने कहा कि बीकानेर शहर से 12 किलोमीटर दूर शोभासर की ढाणी में MIG-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, पुलिस की टीम ने हादसे वाली जगह की घेराबंदी कर दी है। पिछले लगभग 30 दिनों में 6 विमान क्रैश हुए हैं। हाल के दिनों में मिग – 21 बाइसन विमान क्रैश होने की यह दूसरी घटना है। अभी कुछ ही दिनों पहले विंग कमांडर अभिनंदन भी वायुसेना का मिग-21 बाइसन ही  उड़ा रहे थे, जब वह क्रैश हो गया था। मिग विमानों के क्रैश होने की घटनाएं अब बहुत ही आम बात हो गई हैं। क्योंकि ये विमान लगभग पांच दशक पुराने हो चुके हैं और इन विमानों को बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही है।

सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अगले तीन साल में भारतीय वायुसेना पांच दशक पुराने मिग विमानों को हटा देगी। इनकी जगह राफेल विमान लेंगे। इस साल के आखिर में राफेल विमान मिलने शुरू होंगे। पुराने मिग-21 विमानों को युद्धक भूमिका से हटाने का सिलसिला शुरू कर दिया जाएगा। पहले चरण में 2022 तक सभी मिग-21 विमानों को हटा दिया जाएगा। इसके बाद मिग-27 और मिग-29 विमानों को भी हटाया जाएगा। इसके लिए 2030 तक का समय रखा गया है। 1964 में भारतीय वायुसेना को पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान मिग-21 मिला था।

वायुसेना से जुड़े सूत्रों के अनुसार मिग-21 विमानों की संख्या अब सीमित रह गई है। वर्तमान में मिग-21 की सिर्फ तीन स्क्वाड्रन बचे हैं। जिनमें करीब 40-45 मिग विमान हैं। ये विमान उन्नत किए हुए हैं जिन्हें मिग-21 बाइसन के रूप में जाना जाता है। इनमें से कुछ विमान ट्रेनिग के लिए इस्तेमाल होते हैं। इस प्रकार 36 राफेल विमानों से मिग की स्क्वाड्रन को बदल दिया जाएगा।

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वायुसेना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पहले दो राफेल विमान इस साल के अंत तक वायुसेना को मिल जाएंगे। सभी 36 विमान 2022 तक आने हैं। हालांकि फ्रांस से इसमे तेजी लाने को कहा गया है। इसलिए संभावना है कि आपूर्ति और जल्दी हो सकती है। मिग विमानों को लेकर सरकार की चिंता इस बात के लिए भी है कि ये विमान सामान्य उड़ान के दौरान भी हादसों का शिकार हो रहे हैं। पिछले 40-45 सालों में करीब 500 मिग विमान हादसों का शिकार हुए हैं। जिनमें 171 पायलट और 39 नागरिक मारे गए हैं।

वहीं मिग विमानों की जगह लेने वाले राफेल विमान कई मायनों में खास हैं। राफेल दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक हैं। राफेल विमान पाकिस्तान के एफ-16 विमानों से कहीं बेहतर हैं। राफेल विमानों को पाकिस्तान में हमला करने के लिए सीमा पार करने की भी जरूरत नहीं है। वे नियंत्रण रखा से ही पाकिस्तान में चल रहे आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने में सक्षम होंगे। ये जमीन से हवा में मार करने में भी सक्षम हैं। यो विमान दुश्मन देश के रडार की पकड़ में नहीं आते और उन्हें चकमा देने में सक्षम हैं। जानकारी के अनुसार राफेल विमान की क्षमता 3700 किलोमीटर और टॉप स्पीड 2200 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा है। दो शक्तिशाली इंजन पलक झपकते ही इसे आसमान की ऊचाइयों पर पहुंचा देते हैं। ये विमान परमाणु हमला करने में भी सक्षम हैं। इसमें लगने वाली मीटियोर और स्केल्प मिसाइलें इसे और भी ज्यादा घातक बना देती हैं। इन विमानों की रेंज इतनी ज्यादा है कि दूर से ही दुश्मन के लड़ाकू विमान को मार गिरा सकते हैं।

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