चीन को भारत ने याद दिलाई समझौते की शर्तें, ‘पूर्वी लद्दाख के बाकी हिस्सों से अपने सैनिकों की जल्द वापसी सुनिश्चित करे चीनी सेना’

अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) के अनुसार, पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के हटने से ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल हो सकती है और द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति का माहौल बन सकता है।

Arindam Bagchi

Galwan Valley

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने एक प्रेस रिलीज में चीन को दोनों देशों (India-China) के बीच हुई समझौते की शर्तों को याद दिलाया है। भारत ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा हालात का लम्बे समय तक बने रहना किसी के हित में नहीं है। हमें उम्मीद है कि चीनी सेना बाकी इलाकों से अपने सैनिकों की पूरी तरह से जल्द वापसी सुनिश्चित करेगी और इस दिशा में भारत के साथ मिलकर काम करेगी।

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अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) के अनुसार, पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के हटने से ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल हो सकती है और द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति का माहौल बन सकता है। उन्होंने आगे कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्र में सैनिकों की वापसी एक महत्वपूर्ण कदम था और इसने पश्चिमी सेक्टर में अन्य मुद्दों के समाधान के लिए अच्छा आधार प्रदान किया।

बागची (Arindam Bagchi) के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों (India China) द्वारा शेष मुद्दों का तेजी से समाधान करने पर सहमति बनी है। दोनों देश सैन्य व राजनयिक प्रतिनिधियों के माध्यम से एक-दूसरे के संपर्क में हैं। बागची ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान का हवाला देते हुए बताया कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर मौजूदा हालात लम्बे समय तक बने रहना किसी के हित में नहीं है।

प्रवक्ता बागची (Arindam Bagchi) के अनुसार, पैंगोग झील इलाके से सैनिकों के पीछे हटने के बाद शीर्ष सैन्य कमांडरों के 10वें दौर की बातचीत हुई और विदेश मंत्री एस जयशंकर की उनके चीनी समकक्ष से टेलीफोन पर बातचीत हुई। इसके बाद चीन सीमा मामलों पर विचार विमर्श व समन्वय पर कार्यकारी तंत्र की 12 मार्च को बैठक हुई।

बागची ने बताया कि दोनों देशों के शीर्ष सैन्य कमांडरों की बैठक और डब्ल्यूएमसीसी की बैठक में शेष मुद्दों के समाधान को लेकर विचारों का विस्तार से आदान-प्रदान हुआ।

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