इंसानियत शर्मसार: इस निजी अस्पताल ने कोरोना मरीज से एक दिन के इलाज के लिए वसूले 3.7 लाख, फिर भी नहीं बची मरीज की जान

कोरोना (Coronavirus) से पीड़ित महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने उनसे सरकार के इलाज के तय रेट से 20 गुना ज्यादा पैसे वसूले और एक दिन का 3.7 लाख रुपए लिए।

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कोरोना (Coronavirus) महामारी से मचे हाहाकार के बीच भी चिकित्सा जगत से जुड़े ईश्वर स्वरूप लोग मरीजों को लूटने से बाज नहीं आ रहे हैं। मथुरा के केड़ी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल पर भी इस तरह के आरोप लगातार लग रहे हैं जिसका संज्ञान जिला प्रशासन ने लिया है और कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

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ताजा मामले में कोरोना (Coronavirus) से पीड़ित महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने उनसे सरकार के इलाज के तय रेट से 20 गुना ज्यादा पैसे वसूले और एक दिन का 3.7 लाख रुपए लिए। इसका दुखद पहलू यह रहा कि भर्ती किए जाने के कुछ घंटों बाद ही 42 वर्षीय हेमलता अग्रवाल की मौत हो गई।

सरकार के पैनल पर शामिल निजी अस्पताल केड़ी मेडिकल कॉलेज के खिलाफ लगे गंभीर आरोप पर डीएम नवनीत सिंह चाहल ने जांच के आदेश दिए हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ये बेहद घिनौना कृत्य है कि कोरोना (Coronavirus) महामारी के समय में ऐसे अस्पताल मरीजों से ज्यादा वसूलने का मौका नहीं चूक रहे।

हेमलता के बहनोई अशोक अग्रवाल ने बताया कि बड़ी मुश्किल से अस्पताल ने मरीज को तब भर्ती किया जब हमने 6.7 लाख रुपए कांउटर पर जमा करवा दिए थे। जब मरीज की कुछ घंटों में मौत हो गई तो अस्पताल ने इस रकम को लौटाने से इनकार कर दिया। इस अत्यंत असंवेदनहीन डॉक्टर बातचीत की रिकार्डिंग जब सोशल मीडिया पर वायरल हो गई तब कहीं जाकर शोकाकुल परिवार को अस्पताल ने तीन लाख रुपए लौटाए।

केड़ी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रबंधन ने जानकारी न होने का बहाना बनाया और कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। परिजनों ने बताया कि अस्पताल ने शव को शमशान घाट ले जाने के लिए एंबुलेंस तक का प्रबंध नहीं किया। इस घटना को लेकर समाज के कई वर्गों में रोष है।

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